भोपाल : MP Politics : मध्यप्रदेश में चुनावी जीत के लिए भाजपा ने जन आर्शीवाद यात्रा की बड़ी प्लानिंग की है। इस बार मध्यप्रदेश में एक नहीं बल्कि 5 जन आर्शीवाद यात्राएं निकालने जा रही है। 2008 और 2013 में यात्राओं की बदौलत बीजेपी सत्ता तक पहुंची। लेकिन 2018 में उसे जनता का आशीर्वाद नहीं मिला। शायद यही वजह है कि बीजेपी ने इस बार इन यात्राओं के जरिये एक नया दांव खेला है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये भाजपा ने बताया कि क्या है उसका MP में सत्ता में लौटने का प्लान। भाजपा इस बार 2008 और 2013 की तरह एक नहीं बल्कि अलग-अलग 5 जन आशीर्वाद यात्राएं निकालने जा रही है। यात्राओं को पांच हिस्सों में बांटा गया है। इसके लिए अलग अलग नेताओं की टीम तैनात की गई हैं। इन यात्राओं की शुरुआत अलग अलग तरीखों में बीजेपी के दिग्गज नेता करेंगे।
MP Politics : अठारह दिनों तक कुल 210 विधानसभाओं में जन आशीर्वाद यात्राएं कुल 10643 किलोमीटर का सफर तय करेंगी। इस दौरान 998 स्थानों पर स्वागत और 211 बड़ी सभाएं भी होंगी। हर सभाओं में मध्यप्रदेश और केंद्र के दिग्गज नेता शामिल होंगे। पहली यात्रा 3 सितंबर को विंध्य क्षेत्र के चित्रकूट से निकलेगी, जिसकी शुरुआत अमित शाह करेंगे। भोपाल और दिल्ली में लगातार चले लंबे चिंतन और मंथन के बाद जन आर्शीवाद यात्रा का रूट, रूपरेखा, सभाओं का प्लान और नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है।
MP Politics : 2008, 2013, और 2018 के चुनावों में जन आर्शीवाद यात्रा का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही संभालते रहे हैं। लेकिन इस बार सामूहिक प्रयासों से सारे फैसले और काम हो रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस बीजेपी के जन आर्शीवाद पर तंज कस रही है।
2018 की यात्रा में उमड़ी भीड़ वोट में नहीं बदल सकी। शायद इसीलिए कुछ बदलाव के साथ बीजेपी की पांच यात्राएं एक बार फिर 2008 और 2013 का करिश्मा दोहराना चाहती है।