Reported By: Vijendra Pandey
,जबलपुर: MP High Court on Emergency Movie कंगना रनौत की इमरजेंसी फ़िल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार समेत सेंसर बोर्ड और कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है। फिल्म को लेकर इंदौर और जबलपुर के सिक्ख समुदाय ने उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। फिल्म में सिख समाज के अपमानजनक चित्रण का आरोप है। अब इस मामले में कल सुनवाई होगी।
MP High Court on Emergency Movie बता दें कि फिल्म इमरजेंसी में कंगना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह दिखाई गई हैं। सूत्र बताते हैं कि साथ ही इसमें आपातकाल के समय को दर्शाया गया है। फिल्म का जो ट्रेलर सामने आया है। उसमें चार सिख हिंदुओं को गोली से भूनते दिखाए गए हैं। वे खालीस्तान की मांग करते दिखाए गए हैं। सिखों का रूप वीभत्स और खतरनाक बताया है। समुदाय का कहना है कि फिल्म से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है और सिख समाज की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। फिल्म को लीगल नोटिस थमाया जा चुका है, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आया। याचिका में फिल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पार्टी बनाया है।
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने वीडियो जारी कर इस फिल्म के विवाद के बारे में बयान दिया गया है। उन्होंने कहा है कि कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है, लेकिन ये सही नहीं है। हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। जान से मार देने की। सेंसर वालों को भी धमकियां मिल रही हैं। हम पर ये प्रेशर है कि इंदिरा गांधी की हत्या न दिखाएं, भिंडरावाले को न दिखाएं, पंजाब दंगे न दिखाएं। मुझे नहीं पता कि फिर क्या दिखाएं। पता नहीं क्या हुआ कि अचानक से फिल्म को ब्लैक आउट कर दिया गया। आपको बता दें कि जब तक सेंसर सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता है, तब तक फिल्म रिलीज नहीं हो सकती।