मप्र कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटारे पर बहस की चुनौती दी

मप्र कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटारे पर बहस की चुनौती दी

  •  
  • Publish Date - January 12, 2025 / 07:42 PM IST,
    Updated On - January 12, 2025 / 07:42 PM IST

इंदौर, 12 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को रविवार को चुनौती दी कि वह सूबे के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर की एक अपशिष्ट निपटान इकाई में भोपाल के यूनियन कार्बाइड के 337 टन खतरनाक कचरे को नष्ट किए जाने की योजना को लेकर उनसे किसी भी मंच पर बहस कर लें।

कांग्रेस, स्थानीय नागरिकों की इस मांग का समर्थन कर रही है कि इस कचरे का निपटारा पीथमपुर में नहीं किया जाए।

नागरिकों ने जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट किए जाने से इंसानी आबादी और पर्यावरण पर दुष्प्रभावों की आशंका जताई है। हालांकि, प्रदेश सरकार ने इस कचरे के सुरक्षित निपटान के पक्के इंतजामों का भरोसा दिलाते हुए इन आशंकाओं को खारिज किया है।

पटवारी ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि वह यूनियन कार्बाइड के कचरे के पीथमपुर में निपटान की योजना को लेकर मुख्यमंत्री यादव से किसी भी मंच पर बहस करने के लिए तैयार हैं और वह उन्हें इस बहस की चुनौती देते हैं।

स्थानीय नागरिकों ने दावा किया है कि 2015 के दौरान पीथमपुर में परीक्षण के तौर पर यूनियन कार्बाइड के 10 टन कचरे को नष्ट किया गया था जिसके बाद आस-पास के गांवों की मिट्टी, भूमिगत जल और जल स्रोत प्रदूषित हो गए। प्रदेश सरकार ने इस दावे को खारिज किया है।

पटवारी ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान के विषय में जनता को गुमराह कर रही है।

उन्होंने कहा,‘‘मैं प्रदेश सरकार के किसी भी नुमाइंदे को चुनौती देता हूं कि वह मेरे साथ चले और पीथमपुर के 20 किलोमीटर के दायरे के कुओं के पानी की किसी भी प्रयोगशाला में जांच करा लें।’‘’

भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने का कचरा दो जनवरी को पीथमपुर में एक निजी कंपनी की संचालित अपशिष्ट निपटान इकाई लाया गया था। इसके बाद पीथमपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। फिलहाल इस औद्योगिक क्षेत्र में हालात शांतिपूर्ण हैं।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने छह जनवरी को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के निपटान के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए छह सप्ताह के भीतर कदम उठाए।

भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात इस कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था। इससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।

इंदौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पार्षद के कथित समर्थकों द्वारा इस पार्टी के ही अन्य पार्षद के घर में घुसकर किए गए हमले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि सत्ता का मद भाजपा नेताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है और वे शहर की छवि खराब करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

भाषा हर्ष नोमान

नोमान