रायपुर: मध्यप्रदेश की एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिये बिसात बिछ चुकी है। चुनावी चौसर को जीतने बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने योद्धा उतार दिए हैं। नामांकन दाखिल करने के दौरान शक्ति प्रदर्शन भी हो रहा है, जीत के दावे हो रहे हैं। जाहिर है उपचुनाव को बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने नाक का प्रश्न बना लिया है। बाजी जितने हर मुमकिन कोशिश हो रही है। कुल मिलाकर तमाम समीकरणों के बीच शह और मात का खेल जारी है। क्या कहते हैं मौजूदा समीकरण और बीजेपी या कांग्रेस, उम्मीदवार किसका दमदार है?
1मध्यप्रदेश में 1 लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की जंग के लिए बीजेपी ने अपने योद्धा तय कर दिए हैं। बीजेपी ने 4 सीटों पर जिन चेहरों पर भरोसा जताया है, उनमें खंडवा लोकसभा से ज्ञानेश्वर पाटिल, पृथ्वीपुर विधानसभा से शिशुपाल यादव, रैगांव विधानसभा से प्रतिमा बागरी
और जोबट विधानसभा से सुलोचना रावत का नाम तय किया है। चारों सीट पर बीजेपी के ऐलान के साथ ही उपचुनाव के संग्राम को लेकर तस्वीर साफ हो गई है।
बात करें खंडवा की तो बीजेपी के ज्ञानेश्वर पाटिल का मुकाबला कांग्रेस के राजनारायण सिंह पुरनी से होगा। वहीं रैगांव में बीजेपी संगठन ने महिला मोर्चे में सक्रिय प्रतिमा बागरी को कांग्रेस की कल्पना वर्मा के खिलाफ मैदान में उतारा है। पृथ्वीपुर में समाजवादी पार्टी से आए शिशुपाल यादव को टिकट दिया है, जो कांग्रेस के नितेंद्र सिंह से दो-दो हाथ करेंगे। वहीं जोबट पर बीजेपी ने सुलोचना रावत पर भरोसा जताया है, जो तीन बार कांग्रेस की विधायक रह चुकी हैं और हाल ही में अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हुई हैं, जिनका मुकाबला कांग्रेस के महेश पटेल से होगा।
जिन 4 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उसमें से बीजेपी ने 2 सीटों पर दूसरे दल से आए नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा बीजेपी ने खंडवा और पृथ्वीपुर में ओबीसी वर्ग पर दांव खेलकर चुनावी रणनीति को साफ़ कर दिया है। हालांकि बाहरी प्रत्याशी को मौका देने पर कांग्रेस बीजेपी पर सवाल उठा रही है।
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बहरहाल नामों के एलान के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दमखम दिखाने तैयार है। कांग्रेस जहां उपचुनाव में मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी, कर्ज माफ़ी, सरकार के अधूरे वादे और दलबदल को मुद्दा बना रही है.. उपचुनाव में सीएम शिवराज की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। लिहाजा बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.. पार्टी ने चुनावी कार्यक्रम भी तैयार किया है, जिसमें विजयादशमी के मौके पर सभी कार्यकर्ताओं घर-घर जाकर कन्या पूजन करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर विधानसभा में 7-7 चुनावी सभाएं करेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस इस चुनाव में सरकार के खिलाफ माहौल और कमलनाथ के दम पर जीत का दावा कर रही है। अब देखना है कि शह-मात के इस खेल में कौन कितना दमदार साबित होता है?
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