भोपाल। Mohan Cabinet Ke Faisle : मध्यप्रदेश सरकार की साल की अंतिम कैबिनेट बैठक संपन्न हो गई है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है। सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कृत संकल्पित धान उत्पादक किसानों को 2000(दो हजार रुपए) प्रति हेक्टेयर के मान से प्रोत्साहन राशि दिए जाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।
Mohan Cabinet Ke Faisle : तो वहीं पार्वती,कालीसिंध और चम्बल परियोजना के 16 प्रोजेक्ट, सिंहस्थ कैबिनेट ने क्षिप्रा नदी पर 28 किलो मीटर घाटों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। बता दें कि कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना में 13 जिलों को लाभ मिलेगा। 6.13 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता बढे़गी। कैबिनेट में प्रस्ताव आया है। इसमें बताया गया कि केन-बेतवा और पार्वती कालीसिंध से जुड़ी हुई 19 परियोजनाएं हैं, उसमें से 16 को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दो को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। एक परियोजना पर काम चल रहा है जिसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी।
उज्जैन में सिंहस्थ की तैयारियों के मद्देनजर सरकार ने तय किया है कि शिप्रा नदी के किनारे 29 किमी का घाट बनाएंगे। चूंकि सिंहस्थ के दौरान एक दिन में दो करोड़ लोग आएंगे। इसलिए श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान रख 29 किमी का घाट बनाया जाएगा। जो शनि मंदिर उज्जैन से शुरू होगा। इसकी लागत 771 करोड़ होगी। यह शिप्रा नदी से दाए साइड में शनि मंदिर से नागदा बायपास तक बनेगा।
मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में किसानों को 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी जोड़ो परियोजना के 16 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई। साथ ही, उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान शिप्रा नदी के किनारे 28 किलोमीटर घाट निर्माण की मंजूरी भी दी गई।
धान उत्पादक किसानों को 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर के मान से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इस परियोजना से 13 जिलों को लाभ मिलेगा और 6.13 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता बढ़ेगी।
सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर घाट बनाए जाएंगे, जिसकी लागत 771 करोड़ रुपए है।
कैबिनेट ने पार्वती कालीसिंध और केन-बेतवा परियोजनाओं की कुल 16 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।