इंदौर (मध्यप्रदेश), 27 नवंबर (भाषा) आतंकी हमलों के वित्तपोषण और भ्रष्टाचार में क्रिप्टोकरेंसी का दुरुपयोग तेजी से बढ़ने को लेकर आगाह करते हुए यूरेशियन समूह (ईएजी) के अध्यक्ष यूरी चिखानचिन ने बुधवार को कहा कि इन अपराधों से निपटने के लिए सरकारों को नये उपायों की जरूरत है।
चिखानचिन ने इंदौर में ईएजी की बैठक के दौरान ‘‘नवाचारी वित्त’’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में कहा,‘‘हम आतंकी हमलों के वित्तपोषण और भ्रष्ट अधिकारियों की साजिशों में क्रिप्टोकरेंसी का तेजी से दुरुपयोग होते देख रहे हैं। यही कारण है कि यूरेशियन समूह आभासी परिसंपत्तियों के मसले पर विशेष ध्यान देता है।’’
उन्होंने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत में ईएजी के पर्यवेक्षक मंच और अंतरराष्ट्रीय अनुपालन परिषद ने आभासी परिसंपत्तियों से जुड़े विषयों पर विचार किया था और संगठन के पिछले पूर्ण सत्र के दौरान नवाचारों और उभरती वित्तीय प्रौद्योगिकी से पैदा होने वाले जोखिमों से निपटने के लिए कानूनी विनियमन का मुद्दा उठाया गया था।
चिखानचिन ने धन शोधन से निपटने के लिए गठित एशिया-प्रशांत समूह (एपीजी) के सहयोगियों को आमंत्रित किया कि वे इन जोखिमों से निपटने के सर्वोत्तम तरीके साझा करें और जोखिमों का असर घटाने के लिए मिल-जुलकर काम करें।
उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ते वित्तीय नवाचार के कारण धोखाधड़ी, धन शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण और बाजार में हेर-फेर की नयी आशंकाएं भी पैदा हो रही हैं, इसलिए सरकारों को ऐसे अपराधों की पहचान और उनका मुकाबला करने के लिए नए उपाय करने की आवश्यकता है।
ईएजी अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद दुनिया भर के समाजों और उनकी सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौती बना हुआ है तथा इसका खतरा बढ़ने के मद्देनजर रोकथाम के कदमों का विशेष महत्व है।
कार्यशाला में चिखानचिन के रूसी भाषा में दिए गए संबोधन का अंग्रेजी अनुवाद मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा साझा किया गया।
कार्यशाला में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख (एचओडी) व केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल और एपीजी के सह-अध्यक्ष मित्सुतोशी काजीकावा भी शामिल हुए।
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में ईएजी की 29 नवंबर तक चलने वाली बैठक में करीब 200 विदेशी और 60 भारतीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और दूसरे संगठनों के अधिकारी शामिल हैं।
भाषा हर्ष धीरज
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