Fake Doctor Damoh: मिशन अस्पताल का कैथ लैब सील, 7 मरीजों की मौत के बाद जिला प्रशासन की टीम ने की बड़ी कार्रवाई

Fake Doctor Damoh: मिशन अस्पताल का कैथ लैब सील, 7 मरीजों की मौत के बाद जिला प्रशासन की टीम ने की बड़ी कार्रवाई

Fake Doctor Damoh: मिशन अस्पताल का कैथ लैब सील, 7 मरीजों की मौत के बाद जिला प्रशासन की टीम ने की बड़ी कार्रवाई

Fake Doctor Damoh | Photo Credit: IBC24

Modified Date: April 10, 2025 / 07:26 pm IST
Published Date: April 10, 2025 7:15 pm IST
HIGHLIGHTS
  • फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम करने वाले डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
  • प्रशासन ने दमोह के मिशन अस्पताल के कैथ लैब को सील कर दिया, जहां सर्जरी की गई थी।
  • प्रियंक कानूनगो ने लैब को "मौत की मशीन" करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।

दमोह: Fake Doctor Damoh मध्यप्रदेश के दमोह में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने मरीजों के मौत मामले में मिशन अस्पताल का कैथ लैब को सील कर दिया है। यह वही कैथ लैब है, जहां पर मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की जाती थी। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने लैब को मौत को मशीन बताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है।

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Fake Doctor Damoh जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘मौत की मशीन..मिशन अस्पताल दमोह में इसी मशीन से फ़र्ज़ी डॉक्टर ह्रदय रोग की सर्जरी किया करता था। डॉक्टर गिरफ़्तार है, मशीन सील की जा रही है, सरकारी ज़मीन पर अस्पताल चल रहा है मासूम मरीज़ों को अभी भी ठगा जा रहा है। अस्पताल के संचालक ईसाई धर्म प्रचारक अजय लाल के विरुद्ध अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। मृतकों की गिनती जारी है।’

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बता दें कि दमोह मिशनरी अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक शख्स ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डॉक्टर की नौकरी हासिल की थी और उसने डॉ. एन जॉन केम के नाम से अपनी पहचान बनाई थी। जानकारी के अनुसार, इस फर्जी डॉक्टर ने जनवरी और फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी कीं, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो गई।

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जब मामले की जांच शुरू की गई, तो पता चला कि नरेंद्र की डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे। सच्चाई सामने आने पर आरोपी ने फरार होने की कोशिश की और प्रयागराज भाग गया। हालांकि, पुलिस ने उसे पकड़कर हिरासत में ले लिया है। आरोपी ने अपनी फर्जी डिग्री और दस्तावेज नागपुर से बनवाए थे, और एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी फर्जी साइन पाए गए हैं।

 


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