Karila Mandir Me Mata Sita Ki Mahima : भारत देश में ऐसे कई चमत्कारी मंदिर हैं जहां पर सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना सच में पूरी होती हैं। इन मंदिरों की अपनी अलग-अलग परम्परा होती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बातने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के आशोकनगर-विदिशा जिले की बार्डर से लगे करीला पहाड़ी पर मां जानकी का मंदिर है। जहां हमारी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस मंदिर की अद्भुत बात यह है की यहां भगवान को अपने मन की इच्छा बताने के बाद आपको भगवान के सामने नृत्य कर रही महिलाओं को बतानी होती है। दूर-दूर से यहां लोग अपनी इच्छा पूर्ती के लिए मन्नत मांगने आते हैं।
Karila Mandir Me Mata Sita Ki Mahima : करीला धाम मंदिर में माता सीता को प्रसन्न करने के लिए राई नृत्य किया जाता है जिसे पारम्परिक तौर पर बेडनी समुदाय की औरतें और युवतियां नगाड़े, ड़ोल की थाप पर करती हैं। बदलते समय के साथ साथ अब यहां किन्नर आदि भी नृत्य के लिए पहुंचते है। कई हजार नाच नारियां यहां भक्तों की मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में नृत्य दिखाने के लिए रहती हैं। पूरे देश भर से यहां भक्त दर्शन करने आते हैं और मन्नत मांग कर जाते हैं। मन्नत पूरी होने पर वे लोग यहां आकर नृत्य करवाते हैं।
करीला धाम मंदिर को छोटा करीला भी कहा जाता है। आमतौर पर सभी ने सीता मां को राम जी के साथ ही देखा है लेकिन करीला के मंदिर में जानकी माता के साथ लव-कुश और ऋषि वाल्मीकि भी विराजमान हैं। ऋषि वाल्मीकि को माता सीता ने पिता के रूप में माना है। स्थानीय लोगों का कहना है इसी मंदिर में वह जगह है जहां सीत मां ने लव-कुश को जन्म दिया था। मंदिर के ही दूसरे मंडप में प्रभु राम, सीता मां, लक्ष्मण जी और हनुमान जी विराजमान हैं।
हर साल करीला में विशेष मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों लोग शामिल होने के लिए दूर-दूर से आते हैं। रंगपंचमी के दिन लगने वाला यह मेला तीन दिनों तक चलता है और इन दिनों यहां चहल पहल के साथ बहुत खुशनुमा माहौल रहता है। मेले के यह तीन दिन करीला और आस पास के नगरवासियों के लिए व्यापार की दृष्टी से भी काफी लाभदायी होते है। इस मेले में दो हजार से ज्यादा दुकानें लगती हैं और सिर्फ तीन दिनों में करोड़ों का व्यापार हो जाता है।
यहां मनोकामना मांगते वक्त एक और नियम माना जाता है कि अपनी इच्छा बताते समय कोई भी पुरूष नर्तकियों के पास भी नहीं जा सकते हैं और सिर्फ औरतें ही उनके पास जाकर अपनी इच्छाएं बता सकती हैं। करीला धाम की परम्परा के अनुसार आपकी मनोकामना तब तक पूरी नहीं होती है जब तक आप अपनी इच्छा नाच नारियों के सामने जाहिर न करें और नृत्य न करवाऐं।