भोपालः– mass suicide मध्यप्रदेश में हाल ही में एक दिल दहला देने वाला मामला आया था। जहां राजधानी भोपाल के रातीबड़ इलाके में ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग में फंसाकर अपने बच्चों को जहर देकर मारने और पति-पत्नी के खुदकुशी करने का मामला सामने आया था। परिवार को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर करने के आरोप में साइबर ठग गिरोह के एक सदस्य मोहम्मद खलील को पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल आरोपी को रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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mass suicide दरअसल पूरा मामला राजधानी भोपाल के रातीबड़ इलाके का है जहां शिवनगर में 12-13 जुलाई को टाटा एआईजी कंपनी की बीमा शाखा में काम करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सामूहिक खुदकुशी कर ली। ऐसा कदम उठाने से पहले भूपेंद्र ने परिजनों को सुसाइड नोट के साथ सेल्फी भेजी थी। जिसमें लोन एप कंपनियों की धोखाधड़ी से परेशान होने पर ऐसा कदम उठाने का जिक्र किया था। भूपेंद्र ने बताया कि कैसे उसके मोबाइल पर अप्रैल में ऑनलाइन काम करने का मैसेज आया उसके बाद एक्स्ट्रा इनकम के लिए कोलंबिया की एक कंपनी में ऑनलाइन काम करना शुरू कर दिया। काम शुरू करने के कुछ समय तक फायदा देने के बाद कंपनी ने भूपेंद्र को मुनाफा कमाने का लालच दिया और उसकी पूरी जमा-पूंजी इसमें लगा ली। इसके बाद एक एप के जरिए एग्रीमेंट करवाकर लोन भी दिलवा दिया।
लोन दिलाने के बाद कथित कंपनी ने 17 लाक रुपए की अड़ी बाजी करने लगे। जिससे तंग आगर भूपेंद्र ने परिवार समेत खुदकुशी कर ली। वहीं आरोपी का जयपुर के प्राइवेट बैंक में खाता है। भूपेंद्र विश्वकर्मा के अकाउंट से इसी आरोपी के खाते में पैसे जमा हुए थे। मामले की पड़ताल करते हुए कई टीमें बनाकर पुलिस ने जयपुर में डेरा डाला और उसे गिरफ्तार कर तीन दिन की रिमांड पर ले लिया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह एक गिरोह के लिए खाते किराये पर देता था इसके लिए उसे दस हजार रुपए मिलते थे। वहीं साथी की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही मुख्य आरोपी मौके से फरार हो गया है।
mass suicide पुलिस ने जब मोहम्मद खलील के बैंक के लेनदेन को देखा तो वह दंग रहे गए। पिछले दो महीने में उसके खाते में करीब दो करोड़ का लेनदेन मिला है। इसका साफ – साफ मतलब है कि और भी लोग लोन एप के शिकार हो रहे थे और इसके खाते में रकम आ रही थी। बाकी पूछताछ में अन्य खुलासे सामने आ सकते हैं। आरोपी मैकेनिक का काम करता है। साइबर के अधिकारियों ने बताया कि इसमें बैंक को भी आरोपी बनाएंगे कि कैसे KYC की है। खाते में एक व्यक्ति के खाते दो माह में दो करोड़ का लेनदेन हो रहा है और वह कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
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