मंडला। मध्यप्रदेश में इन दिनों नशाबंदी और शराबबंदी का मुद्दा जोरों पर है। इसी बीच मंडला जिले का एक गांव मिसाल बनकर सामने आया है। इस गांव के लोगों ने शराब के खिलाफ अनोखी मुहिम शुरू की है। लोगों ने इस गांव में शराबबंदी करने के लिए शराब बेचते या पीते पकड़ने जाने पर जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं बल्कि शराब बेचने या पीने वालों के नाम बताने वाले को भी इनाम दिया जाएगा।
मंडला जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर नारायणगंज विकासखंड में मानेगांव है। यहां शराब के कारण खराब हो रहे गांव के माहौल को सुधारने के लिए यहां के लोगों ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस गांव के सभी बड़े- बुजुर्गो ने तय किया है कि यदि गांव में कोई शराब बेचते या पीते हुए पकड़ा गया तो उसकी जमकर खैर-खबर ली जाएगी। शराब बनाने या बेचने का काम करते पाया गया, तो दस हजार और शराब पीकर माहौल खराब करने वाले पर भी दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही जो शराब बेचने या पीने वाले का नाम बताएगा उसे दो हजार रूपए का इनाम भी दिया जाएगा। जुर्माने से जो भी पैसे आएंगे उसका उपयोग समाज के विकास में किया जाएगा।
शराब के खिलाफ किए इस फैसले को लोग गांव वालों तक पहुंचा रहे हैं। ये लोग गांव भर में घूमकर एक रैली निकाल रहे है। इस रैली में वे नारे लगाते हैं कि लहानी का मटका फोड़ो, शराब बनाना छोड़ो.. कांच के बर्तन तोड़ो, शराब पीना छोड़ो। इन नारों और रैली के जरिए लोग पूरे गांव के लोगों को चेतावनी दे रहे हैं। चेतावनी ये कि गांव में अब शराबबंदी की पहल की जा रही है। यहां पूरे गांव के लोगों ने एक रैली निकालकर पूरे गांव में घूमकर नारे लगाते हुए गांव के हर चोराहे पर मटकी फोड़कर गांव में शराबबंदी की पहल की है।
दरअसल इस गांव में लगभग 30 प्रतिशत आबादी शराब से प्रभावित है। यहां महुआ शराब बनाकर बेचने का चलन है. ऐसे में दूसरे गांव के लोग भी यहां आकर आतंक मचाने लगे हैं। गांव में सुख-शांति बनी रहे इसके लिए ग्राम पंचायत मानेगांव के लोगों ने गांव में एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। बैठक में गांव को नशा मुक्त बनाने का निर्णय लिया गया है। माने गांव के ग्रामीणो की शराब बंदी की पहल की मंडला कलेक्टर ने जमकर तारीफ की है और दूसरे गांवो को भी इससे सीखने की सलाए दी है।
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