रिपोर्ट- नासिर गौरी, ग्वालियर: will Congress succeed महाराज की किलेबंदी में क्या कामयाब होगी कांग्रेस? चूंकि मध्य प्रदेश की सियासत में सबसे अहम बन चुके ग्वालियर चंबल के लिए बीजेपी और कांग्रेस में दंगल मचा हुआ है। इस इलाके की सीटों पर कब्जा जमाने और ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की रणनीति पर काम कर रही कांग्रेस ने अब दिग्विजय सिंह को ग्वालियर चंबल की जिम्मेदारी सौंपी है। 2018 के नतीजों को दोहराने के लिए दिग्विजय सिंह लगातार दौरे कर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश में हैं।
will Congress succeed मिशन 2023 में बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ को चुना है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने दिग्विजय सिंह की अगुवाई में आज ग्वालियर में एक अहम बैठक की, जिसमें ये रणनीति बनी कि कैसे सिंधिया को उन्हीं के घर में घेरा जाएं। पोस्टर के ज़रिए इसकी शुरूआत कांग्रेस ने कर भी दी है।
चार घंटे चली इस बैठक में पार्टी में गुटबाजी से लेकर जनता के मुद्दों को प्रदेश में किस तरह से भुनाने का काम किया जाएं। उस पर भी रणनीति बनी है। कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह ग्वालियर-चंबल को लीड कर रहे हैं। मीटिंग दौरान दिग्विजय ने कहा कांग्रेसियों के खिलाफ सबसे ज्यादा झूठे मुकदमें दतिया में ही दर्ज हैं साथ ही उन्होंने कहा बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हिन्दू मुस्लिम कर रही है।
इधर शिवराज सरकार के मंत्री भारत सिंह कुशवाह का कहना है। कांग्रेस की इन बैठकों से बीजेपी की सेहत पर कोई फर्क नही पड़ने वाला है। साथ ही ये भी कहा कि इस बार चंबल में कांग्रेस का यूपी वाला हाल होने वाला है।
कहते हैं कि भोपाल में सत्ता तक पहुंचने का रास्ता ग्वालियर से ही होकर गुजरता है और इस अंचल की 22 सीटों पर सिंधिया का सीधा असर है। सिंधिया का ही असर था कि यहां 2018 के चुनाव में कांग्रेस 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब सिंधिया बीजेपी के पाले में आ गए हैं। इसलिए कांग्रेस ने दिग्विजय को यहां जिम्मेदारी दी, जिससे उनके प्रभाव को हल्का किया जा सके।