इंदौर (मध्यप्रदेश), 18 दिसंबर (भाषा) इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति (एमजीएम) चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रावास में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र से कथित रैगिंग का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर सामने आए आरोपों के बाद महाविद्यालय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया मंच ‘‘एक्स’’ पर ‘‘प्लीज हेल्प मी’’ के नाम से बनाए गए खाते के जरिये सिलसिलेवार पोस्ट करते हुए एक व्यक्ति ने महाविद्यालय के बालक छात्रावास में रैगिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस व्यक्ति ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए खुद को एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र बताया है और कहा है कि वह रैगिंग के कारण ‘‘भयंकर अवसाद’’ में है।
इस व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसे पिछले तीन महीने से रैगिंग के जरिये बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा है और ‘वह मौत के नजदीक पहुंच चुका है।’
‘‘एक्स’’ के खाते की एक पोस्ट में स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा गया है, ‘‘कृपया मेरी बात सुनिए। मैं हवा में नहीं कह रहा। अपनी आपबीती बता रहा हूं। आपसे अनुरोध है कि शहर के अंदर रावण की लंका है, तो एमजीएम चिकित्सा महाविद्यालय का बालक छात्रावास है जहां न पुलिस, न महाविद्यालय का नियंत्रण है।’’
पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ छात्र नशा करके छात्रावास की छत पर कनिष्ठ छात्रों को देर रात से लेकर अलसुबह तक पीटते हैं।
सिलसिलेवार पोस्ट में सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों को भी टैग किया गया है और उनसे मदद की गुहार की गई है।
चिकित्सा महाविद्यालय के प्रभारी अधिष्ठाता (डीन) डॉ. नीलेश दलाल ने बुधवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि उन्होंने रैगिंग के आरोपों का संज्ञान लेते हुए बालक छात्रावास के मुख्य वॉर्डन डॉ. वीएस पाल से वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी है।
इस बारे में पूछे जाने पर डॉ. पाल ने कहा, ‘‘मैं मामले को देख रहा हूं। मैं जांच के बाद ही कोई टिप्पणी कर सकूंगा।’’
भाषा हर्ष
शोभना मनीषा
मनीषा