मप्र: हत्या के दोषी की गोली मारकर हत्या करने वाले भाड़े के दो हत्यारे पंजाब से गिरफ्तार

मप्र: हत्या के दोषी की गोली मारकर हत्या करने वाले भाड़े के दो हत्यारे पंजाब से गिरफ्तार

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  • Publish Date - November 10, 2024 / 06:26 PM IST,
    Updated On - November 10, 2024 / 06:26 PM IST

ग्वालियर, 10 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हत्या के एक मामले में दोषी करार दिये गये व्यक्ति की इस सप्ताह की शुरुआत में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने वाले दो लोगों को रविवार को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिस व्यक्ति की हत्या हुई, उसे 2016 के एक मामले में दोषी करार दिया गया था।

ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धर्मवीर सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि नवजोत सिंह और अमरप्रीत सिंह को पंजाब के फरीदकोट से गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने बताया कि हत्या को अंजाम देने के लिए दोनों को कथित तौर पर भाड़े पर बुलाया गया था।

अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपी फरीदकोट में हत्या के एक अन्य मामले में में वांछित हैं और उन्हें कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ग्वालियर लाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में सहयोग किया।

सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों की उम्र 30 साल के आसपास है और यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि उन्हें किसने काम पर रखा था और वे किस गिरोह से जुड़े हैं।

अधिकारी ने बताया कि दोनों मध्यप्रदेश के एक होटल में रुके थे।

उन्होंने बताया कि वे (भाड़े के हत्यारे) मोटरसाइकिल पर आए और बृहस्पतिवार रात जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर डबरा इलाके में जसवंत सिंह गिल को उनके घर के बाहर गोली मार दी।

अधिकारी ने बताया कि दोनों ने करीब से तीन गोलियां चलाईं और गिल की मौके पर ही मौत हो गयी।

उन्होंने बताया कि गिल को 2016 में हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह 28 अक्टूबर से पैरोल पर बाहर था।

गिल के परिवार और पुलिस को संदेह है कि उसकी हत्या किसी पुरानी रंजिश का नतीजा है।

सूत्रों के अनुसार, 2016 में जिस व्यक्ति की हत्या गिल ने की थी, उसका भाई हाल ही में कनाडा से ग्वालियर आया था।

गिल ने आठ साल पहले ग्वालियर में पत्नी के चचेरे भाई की हत्या की थी।

वर्ष 2016 में जिस व्यक्ति की गिल ने हत्या की थी उसका परिवार कनाडा चला गया और पुलिस को संदेह है कि उन्होंने हत्यारों को भाड़े पर लिया होगा।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन