रतलाम (मप्र), छह अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के काजी ने अपने समुदाय के सदस्यों से नवरात्र उत्सव के दौरान गरबा (लोक नृत्य) कार्यक्रमों से दूर रहने की अपील की है, क्योंकि यह उनकी आस्था के खिलाफ है।
शहर काजी सैयद अहमद अली ने अपने समुदाय को लिखे एक संदेश में कहा, ‘‘मैं मुस्लिम युवाओं, माताओं, बहनों और बेटियों से अनुरोध करता हूं कि वे मेलों में न जाएं और गरबा कार्यक्रम न देखें। इसके बजाय मैं आपसे स्थिति को ध्यान में रखते हुए घर पर रहने का आह्वान करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि इस्लाम में ऐसी गतिविधियां वर्जित हैं। उन्होंने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्होंने यह अनुरोध “मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए” किया है।
रतलाम शहर में कई गरबा कार्यक्रमों के आयोजकों ने अपने आयोजन स्थलों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने प्रवेश बिंदुओं पर निर्णय की जानकारी देते हुए बैनर भी लगाए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस बीच दोपहिया वाहनों पर कई महिला पुलिसकर्मी गरबा स्थलों के आसपास के इलाकों में गश्त कर रही हैं।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि जिले में शाम 7 बजे से रात एक बजे तक गरबा पंडालों पर नजर रखने वाले दलों में से प्रत्येक में स्कूटरों पर 25 महिला पुलिसकर्मी रहती हैं।
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने तब विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने आयोजकों से लोगों को गरबा पंडालों में जाने से पहले “आचमन” करने या गोमूत्र पीने के लिए कहने का अनुरोध किया था, यह दलील देते हुए कि एक हिंदू ऐसा करने से कभी मना नहीं कर सकता।
भाषा अमित नरेश
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