भोपाल : Madhya Pradesh Politics : विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई और शुरू हो चुकी है बीजेपी और कांग्रेस की परीक्षा कि जनता के बीच किसका पलड़ा भारी है। पलड़ा भारी दिखाने के चक्कर में एक दूसरे पर आरोपों की बौछार करने में न तो बीजेपी पीछे है और न ही कांग्रेस बीजेपी की घोषणाओं को कांग्रेस झूठ का पुलिंदा बता रही है तो कांग्रेस कह रही है। एमपी में दिल्ली के नेता वोटों की फसल काटने आएं हैं। माहौल तो ये भी बना है कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो बीजेपी की योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा। इस चुनावी आरोप प्रत्यारोप के बीच आज हम बहस कर रहे हैं।
Madhya Pradesh Politics : मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। जन आशीर्वाद यात्राओं के जरिये सत्ता में वापसी के लिए भाजपा जोर आजमाइश कर रही है। अमित शाह और शिवराज साथ-साथ कांग्रेस पर सियासी तीर छोड़ रहे हैं। उनके निशाने पर कमलनाथ और प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और उसके फैसले हैं। आरोप है कि कांग्रेस की सरकार आई, तो शिवराज की शुरू की गई योजनाएं बंद कर दी गई थीं। दोनों नेताओं ने मंडला में हुई सभा में कांग्रेस की जमकर घेराबंदी की।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जब भाजपा ने घेरा तो कांग्रेस ने भी पलटवार किया। पार्टी के मध्यप्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे यहां वोट की खेती काटने के लिए आ रहे हैं।
Madhya Pradesh Politics : मध्यप्रदेश में पांच यात्राओं के दम पर सत्ता वापसी की रणनीति पर काम कर रही बीजेपी 150 से ज्यादा सीटों के साथ दोबारा सरकार बनाने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस प्रजातंत्र का चीरहरण कर नाजायज सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए अपनी विजय का दम भर रही है। लेकिन चुपचाप चुनावी तमाशे देख रही जनता को ही तय करना है कि उसका जनार्दन कौन?