जबलपुर, चार दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को आपराधिक अवमानना मामले में माफ करते हुए उसे एक महीने के भीतर देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने राहुल साहू के खिलाफ स्वप्रेरणा से दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर दो दिसंबर को यह आदेश जारी किया।
अदालत ने कहा, “हम आरोपी के आचरण को ध्यान में रखते हुए निर्देश देते हैं कि वह मुरैना जिले के संबलगढ़ क्षेत्र में देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाएंगे। पेड़ देशी प्रकृति के होने चाहिए और उनकी ऊंचाई कम से कम चार फुट होनी चाहिए।”
अदालत ने कहा, “पेड़ों को उपमंडल अधिकारी (वन), संबलगढ़ के निर्देशन में लगाया जाएगा। पेड़ एक महीने की अवधि के भीतर लगाए जाएंगे।”
उच्च न्यायालय ने संबलगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) से प्राप्त अवमानना संदर्भ पर स्वत: संज्ञान लिया।
साहू के वकील आशीष सिंह जादौन ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि साहू ने मुरैना की अदालत की एक तस्वीर सोशल मीडिया मंच पर अदालती कार्यवाही से संबंधित एक टिप्पणी के साथ पोस्ट की थी।
यह तस्वीर उसकी पत्नी द्वारा दायर एक पारिवारिक मामले की सुनवाई के दौरान की थी।
जेएमएफसी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर संज्ञान लेते हुए साहू को नोटिस जारी किया लेकिन कई मौके दिये जाने के बावजूद आरोपी ने कोई जवाब नहीं दिया।
वकील ने बताया कि जेएमएफसी ने बाद में मामले को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया।
अदालत के आदेश के मुताबिक, “प्रतिवादी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित है। उसने 15 अक्टूबर, 2024 को अपना हलफनामा दाखिल कर दलील दी कि वह अर्ध-साक्षर है और उसने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।”
साहू ने अदालत को बताया कि उसे कानूनी प्रक्रिया का सीमित ज्ञान है तथा वह अदालती कार्यवाही की मर्यादा और आवश्यकता से अपरिचित है।
आदेश के मुताबिक, साहू ने अपने आचरण पर खेद जताया तथा बिना शर्त माफी मांगी और भविष्य में सावधानी बरतने का वचन दिया।
भाषा सं दिमो जितेंद्र
जितेंद्र