इंदौर (मध्यप्रदेश), 12 नवंबर (भाषा) इंदौर में प्रशासन ने मंगलवार को देवउठनी एकादशी पर वक्त रहते हरकत में आते हुए 16 साल की लड़की का 18 वर्षीय युवक के साथ होने वाला बाल विवाह रुकवा दिया। प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक देवउठनी एकादशी से शादी के शुभ मुहूर्तों की शुरुआत होती है।
बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के गठित उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने बताया कि इंदौर के निरंजनपुर क्षेत्र के 18 वर्षीय युवक की शादी पड़ोसी देवास जिले की 16 साल की लड़की से मंगलवार रात होने वाली थी।
उन्होंने बताया,‘‘हमारे नियंत्रण कक्ष पर मिली सूचना के बाद हम जब वर के घर पहुंचे, तो उसकी बारात रवाना होने की तैयारी कर रही थी।’
पाठक ने बताया कि देवास जिले के अफसरों से तालमेल बैठाया गया और वर-वधू के परिजनों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर बाल विवाह रुकवा दिया गया।
देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है।
भाषा हर्ष शफीक
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