भोपाल। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की भेट चढ़ गई। विपक्ष ने जीतू पटवारी के बहिष्कार का मामला सदन में उठाया। सवाल पर ससंदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान देते हुए कहा कि जीतू पटवारी ने सदन की मर्यादा भंग की है। इस मामले में नेताप्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी जीतू पटवारी के बहिष्कार को गलत बताया। कहा कि जीतू पटवारी का फैसला हमारी पार्टी का फैसला नहीं था, संसदीय मर्यादा रखना हम सबका कर्तव्य।
बता दें कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण को बहिष्कार किया है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि छपास रोगियों से अनुरोध है कि विधानसभा सभा की मर्यादा को बनाए, विधानसभा को पॉलिटिकल अखाड़ा ना बनाएं। विधानसभा की गरिमा को बनाए रखें। जो भाषण अभी तक पढ़ा नहीं गया है उससे पहले ही बहिष्कार करना यह उनका पूर्वाग्रह बताता है।
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विधानसभा है पार्टी तेल लेने गई जैसी स्थिति नहीं है। जीतू पटवारी बताएं कि उन्हें अभिभाषण की कॉपी कहां से मिल गई। वहीं संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को पत्र लिखा है डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सेनापति नहीं रहेगा और कहते हैं कि हमारे पास योग्य नेता है। विधानसभा में योग्य को जिम्मेदारी देते नहीं और विपक्ष के सेनापति खुद रहते नहीं। डॉ गोविंद सिंह योग्य हैं तो उन्हें जिम्मेदारी दे दे। नेता प्रतिपक्ष को विधानसभा में रहना चाहिए। कांग्रेस अब ट्वीट से ही बहिष्कार करेगी और ट्वीट से ही विधान सभा में भाषण भी देगी। ट्वीट पर बहिष्कार की नई परंपरा शुरू की है।
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डॉ नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में विपक्ष के गौशाला और गाय के मुद्दे पर सरकार को घेरने पर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मुद्दा विपक्ष बनाए हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। कमलनाथ जी कुछ कहने से पहले इतिहास जरूर देख लें। इंदिरा गाँधी जी ने गौ आंदोलन करने वाले संत स्वामी करपात्री जी महाराज पर गोली चलवाई थी सैकड़ो साधू संत मर गए थे। आपके मित्र दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री रहते प्रदेश की गोचर की भूमि को खुर्द-बुर्द कर दिया था। दिग्विजय सिंह ने गाय को सड़क पर लाने का पाप किया था। डॉ नरोत्तम मिश्रा नेकहा बताया जा रहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को राम लक्ष्मण की जोड़ी कहा जा रहा है। इससे अच्छा उन्हें बंटाधार टू कहा जाता तो ठीक रहता।
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