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भोपाल। MP Budget Session 2025: मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही जारी है। गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान हंगामे की स्थिति देखी गई। कई मुद्दों को लेकर विपक्षी विधायकों ने सरकार को घेरने की कोशिश की। प्रश्न काल में कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने स्वास्थ्य विभाग के खाली पदों का मामला उठाया था। प्रदेश में डॉक्टर और नर्स को पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की संख्या, अस्पतालों में मरीजों की मौत, वर्ष 2016 से 2024 तक अस्पतालों में प्रसव के दौरान हुई मृत्यु की जानकारी मांगी थी। कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा स्वास्थ्य मंत्री का जवाब अपूर्ण है जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस ने वॉक आउट किया। वहीं सदन में स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने सख्ती दिखाई।
वहीं सदन में नीलगाय से फसलों को हो रहे नुकसान का मामला भी उठा। ये मामला मंदसौर से कांग्रेस विधायक विपिन जैन ने उठाया। कांग्रेस विधायक ने कहा कि नीलगाय की वजह से फसलों को नुकसान और सड़क हादसे हो रहे हैं। जिसके बाद राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का ने जवाब देते हुए कहा कि सड़क हादसे रोकने के लिए सूचना बोर्ड लगाए गए हैं। बीजेपी के राजेंद्र पांडे, कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक महेश परमार मेबी ने भी ये मामला गंभीर माना। जिसके बाद स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने भी सरकार से व्यवस्थित योजना बनाने के निर्देश दिए। वहीं सदन में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिया आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से चर्चा करके इस पर कदम उठाए जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह के बीच बयानबाजी को अनुचित बताया। उन्होंने कहा- सदस्यों को चाहिए कि शब्दावली का ध्यान रखें। आरोप-प्रत्यारोप से बचें। स्पीकर ने कहा- जिससे सदन की मर्यादा प्रभावित होती है, जो शब्द उचित नहीं हैं, उन्हें विलोपित किया जाएगा। आगे भी हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमारे सदन की परंपरा प्रभावित न हो। शब्दावली का उचित उपयोग होना चाहिए। इसके बाद कटारे ने कुछ कहना चाहा लेकिन स्पीकर ने अनुमति नहीं दी। वहीं सदन में हेमंत कटारे पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी भड़क गए। उन्होंने कहा कि अब मुझे विधानसभा की प्रक्रिया समझाओगे। जब एक बार व्यवस्था दे दी गई है तो कोई खड़ा नहीं होता। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को आसंदी से दी थी बोलने की व्यवस्था लेकिन हेमंत कटारे कह रहे थे मुझे बोलना है।