भोपाल, 16 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन सदस्यों ने उद्योगपति रतन टाटा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह और एसएम कृष्णा समेत उन नेताओं को श्रद्धांजलि दी, जिनका हाल में निधन हुआ है।
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अमरवाड़ा (आरक्षित) सीट से नवनिर्वाचित विधायक कमलेश प्रताप शाह और बुधनी विधानसभा क्षेत्र से रमाकांत भार्गव को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई।
बाद में तोमर ने उद्योगपति रतन टाटा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह और एस एम कृष्णा, मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह, आरिफ अकील और भरत सिंह, पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा और अन्य के निधन का उल्लेख किया एवं देश तथा राज्य के लिए उनके योगदान को याद किया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि वह एक सरल और सौम्य व्यक्ति थे। टाटा न केवल एक प्रसिद्ध उद्योगपति थे, बल्कि एक समाजसेवी और राष्ट्रवादी भी थे, जिन्होंने मानवता की सेवा की।
प्रभात झा को याद करते हुए यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संगठन के व्यक्ति, प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार थे। वह राज्यसभा के सदस्य तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे थे। वह एक अच्छे समाजसेवी भी थे।
मुख्यमंत्री ने नटवर सिंह और एस एम कृष्णा को भी श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया।
यादव ने बैगा आदिवासी कलाकार और पद्मश्री से सम्मानित जोधइया बाई के निधन पर शोक जताया, जिनका रविवार को निधन हो गया।
उन्होंने कहा कि मिट्टी और लकड़ी पर जोधइया बाई की रचनात्मक कृतियों की प्रदर्शनी यूरोपीय शहर मिलान और पेरिस में लगाई गई।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरिफ अकील को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पूर्व मंत्री अपनी सादगी और बेबाकी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने जीवन भर हवाई चप्पल पहनी और बिना किसी भेदभाव के लोगों की सेवा की।
सिंघार ने नटवर सिंह के बारे में कहा कि विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वे एक प्रसिद्ध राजनयिक थे।
सदन ने सिक्किम में सड़क दुर्घटना में शहीद हुए सैनिकों और संत सियाराम बाबा को भी श्रद्धांजलि दी। दिवंगत आत्माओं के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
प्रश्नकाल के बाद विपक्षी कांग्रेस ने उर्वरकों की कमी और राज्य भर में किसानों की समस्याओं का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा। अध्यक्ष ने कहा कि जब सदन इस मामले पर चर्चा करेगा तो सरकार जवाब देगी। हालांकि, कांग्रेस सदस्यों ने इस पर जोर दिया और जब अध्यक्ष ने इस पर सहमति नहीं जताई तो उन्होंने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
बाद में, राज्य के शहरी प्रशासन और संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 16 दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश के निर्माण के लिए युद्ध के दौरान भारतीय सेना की वीरता को बधाई देने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद सदन ने दिन के सूचीबद्ध कार्य को पूरा किया, जिसके बाद अध्यक्ष ने इसे मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
भाषा
दिमो, रवि कांत रवि कांत
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