मप्र में भीड़ भरी ट्रेनों में चढ़ न पाने पर कुंभ जाने वाले यात्रियों ने किया पथराव

मप्र में भीड़ भरी ट्रेनों में चढ़ न पाने पर कुंभ जाने वाले यात्रियों ने किया पथराव

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  • Publish Date - January 28, 2025 / 02:35 PM IST,
    Updated On - January 28, 2025 / 02:35 PM IST

छतरपुर (मध्य प्रदेश), 28 जनवरी (भाषा) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से महाकुंभ में शामिल होने जा रहे लोगों ने प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों पर दो स्टेशनों पर पथराव किया। यह पथराव उस समय किया गया जब खचाखच भरे डिब्बों में यात्रियों ने उनके लिए ट्रेन के दरवाजे नहीं खोले।

सोमवार रात छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशनों पर हंगामे के बाद, अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि बढ़ती मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

इस घटना से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आए हैं, जिसमें छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशनों पर कुछ लोग चिल्लाते हुए सुने जा रहे हैं।

वीडियो में कुछ लोगों को ट्रेन की बोगियों पर पत्थर फेंकते, उसके दरवाजों पर मारते हुए और उन्हें जबरदस्ती खोलने की कोशिश करते हुए भी देखा जा सकता है।

छतरपुर के एक यात्री आर के सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि वह प्रयागराज में जारी महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने जा रहे थे।

उन्होंने दावा किया कि लेकिन वह प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में नहीं चढ़ सके क्योंकि दरवाजे और खिड़कियां बंद थीं।

उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा हंगामा किए जाने के बाद, सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवानों ने छतरपुर में एक ट्रेन के दरवाजे खोल दिए लेकिन ट्रेन में पहले से ही भीड़ होने के कारण कई लोग उसमें सवार नहीं हो सके।

झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों में चढ़ने को लेकर हुए विवाद का मामला उनके संज्ञान में आया है।

उन्होंने कहा कि रेलवे, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करेगा ताकि ऐसी घटनाएं फिर न हों।

सिंह ने कहा कि लगातार ट्रेनें (प्रयागराज के लिए) चलाई जा रही हैं और जरूरत पड़ने पर मांग के अनुसार विशेष ट्रेनें भी चलाई जाएंगी।

उन्होंने कहा कि प्रशासन यात्रियों से सहयोग की उम्मीद करता है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान पवित्र स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम जा रहे हैं। महाकुंभ 2025 में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं तथा बुधवार को मौनी अमावस्या पर और 10 करोड़ लोगों के गंगा स्नान करने की संभावना है।

अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान), महाकुंभ मेले का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा स्नान पर्व होता है जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए जाते हैं। अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है।

अमृत स्नान की तिथियां सूर्य, चंद्र और बृहस्पति के ज्योतिषीय मेल पर आधारित होती हैं और माना जाता है कि इनके योग से पवित्र नदियों की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। यह भी माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है। मौनी अमावस्या का स्नान पारंपरिक रूप से मौन रहकर किया जाता है।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा