Reported By: Shashikant Sharma
,Gangaur Special 2024 : खरगोन। खरगोन सहित समूचे निमाड अंचल के सबसे बडे प्रमुख गणगौर पर्व की शुरूआत होने के साथ ही पाती खेलने की भी वर्षाे से परंपरा चली आ रही है। पाती खेलने के दौरान महिलाएं और युवतियां दूल्हा-दुल्हन की वेषभूषा में सजधज कर ढोल ताशो की थाप पर शहर के प्रमुख मार्गाे से बारात निकालती है। जिसमें महिलाएं और युवतियां बाराती के रूप में शामिल होकर बारात की शोभा बढ़ाती है और जमकर नृत्य कर भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करती दिखाई देती है।
पाती खेलने को लेकर मान्यता है कि गणगौर पर्व के दौरान माता पार्वती जब अपने मायके आती है तो उन्हें अपने ससुराल और पति भगवान शंकर की याद न सताए इसको लेकर माता पार्वती की हंसी-खुशी के लिए पाती खेलने की परंपरा है। इसी परंपरा को लेकर आज भी पूरे निमाड क्षेत्र में गणगौर पर्व के दौरान हर शहर और हर गांव में पाती खेली जाती है। जिसमें महिलाओं और युवतियों द्वारा उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जाता है। यह निमाड़ क्षेत्र का प्रमुख पर्व है। इसको लेकर जिले भर में उत्साह का वातावरण बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय गणगौर पर्व के दौरान जिले भर के शहरों और गांवों में निवासरत श्रद्धालुओं द्वारा बडी आस्था के साथ जवारें रूपी गणगौर माता को रथों पर विराजित कर घर लेकर पहुंचे। इस दौरान खरगोन के मास्टर कालोनी में पाती खेलने के दौरान खरगोन नगर पालिका अध्यक्ष छाया जोशी भी पहुंची जहां उन्होंने दूल्हा और दुल्हन के साथ जमकर नृत्य भी किया।
वहीं पाती खेलने की परंपरा को लेकर दूल्हा- दुल्हन और महिलाओ का कहना है कि यह गणगौर पर्व निमाड़ का प्रसिद्ध पर्व है। गणगौर पर्व महिलाओ द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है। दूल्हा दुल्हन के रूप में भगवान शिव याने की धनियर राजा और पार्वती माता याने रनु बाई की धूमधाम से बारात निकालते है। आम के वृक्ष के नीचे जाकर बारात निकालकर शहर भर से होते हुए घर पहुंचते है। जहां सभी लोग बारात की तरह स्वागत करते है। वही बारात में शामिल हुई।