Mahashringar of Omkareshwar

सावन का तीसरा सोमवार आज, भगवान ओंकारेश्वर का होगा महाश्रृंगार, नगर भ्रमण के साथ नौका विहार करेंगे भगवान

Mahashringar of Omkareshwar सावन के अधिक मास में तीसरे सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर का महाश्रृंगार होगा, ऐसा साल में एक बार होता है

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Modified Date: July 24, 2023 / 09:39 AM IST
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Published Date: July 24, 2023 9:39 am IST

Mahashringar of Omkareshwar: खंडवा। आज सावन मास का तीसरा सोमवार है। सावन के अधिक मास में तीसरे सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर का महाश्रृंगार होगा। ऐसा साल में एक बार होता है। आज सोमवार दोपहर भोग आरती के बाद भगवान ओंकारेश्वर का महाशृंगार होगा। भगवान को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। फूल और भांग-मेवे से शृंगार होगा। इस मौके पर भगवान को करीब 501 किलो लड्डू और पेड़े के मिष्ठान का भोग लगाया जाएगा। सायं चार बजे मंदिर से भगवान ओंकारेश्वर पालकी में विराजमान होकर कर कोटितीर्थ घाट पहुंचेंगे। उधर भगवान ममलेश्वर का भी गोमुख घाट पर पूजन-अभिषेक होगा। इसके बाद भगवान ओंकारेश्वर नौका विहार कर गोमुख घाट पहुंचेंगे।

नगर भ्रमण के साथ करेंगे नौकाविहार

Mahashringar of Omkareshwar: यह श्रृंगार साल में सिर्फ एक बार होता है। इसके अलावा मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। सोमवार को परंपरा अनुसार भगवान ओंकारेश्वर और भगवान ममलेश्वर पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण और नौकाविहार करेंगे। तीर्थनगरी में आज सुबह से दर्शन-पूजन उपरांत दोपहर में भोग आरती के बाद भगवान ओंकारेश्वर का महाश्रृंगार होगा। भगवान को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। फूल और भांग-मेवें से श्रृंगार होगा।

पालकी में विराजमान होकर जाएंगे कोटीतीर्थ

Mahashringar of Omkareshwar: शाम चार बजे मंदिर से भगवान ओंकारेश्वर पालकी में विराजमान होकर कर कोटीतीर्थ घाट पहुंचेंगे। यहां भगवान का पूजन व और अभिषेक होगा। भगवान ममलेश्वर का भी गोमुख घाट पर पूजन-अभिषेक होगा। इसके बाद भगवान ओंकारेश्वर नौका विहार कर गोमुख घाट पहुंचेंगे। यहां से दोनों सवारियां पैदल जेपी चौक पहुंचेंगी। यहां भक्तों को दर्शन देने के बाद भगवान वापस मंदिर लौट जाएंगे।

इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध

Mahashringar of Omkareshwar: भीड़ को देखते हुए सुबह नौ बजे से भगवान ओंकारेश्वर को सीधे जल और फूल चढ़ाना प्रतिबंधित रहेगा। नाव संचालन और वीआइपी दर्शन पर भी प्रतिबंध रहेगा। बता दें सावन के अधिक मास में तीसरे सोमवार को साल भर में एक ही बार भगवान का महाश्रृंगार होता है। उन्हे चांदी का मुकुट पहनाया जाता है। इसे लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है। इसकी तैयारियां की जा रही है।

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