Railways installed open web girder in two and a half hours : कटनी: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें के कटनी जिले में एक प्रमुख रेलवे परियोजना की सराहनीय उपलब्धि को दिखाया गया। वीडियो में टीम को महज 2.5 घंटे के भीतर 76.2 मीटर लंबे ओपन वेब गर्डर को स्थापित करते हुए देखा जा सकता है। यह गर्डर एक महत्वपूर्ण संरचना है, जिसका उपयोग रेलवे पटरियों के बीच अंतर को पाटने के लिए किया जाता है, खासकर जब ट्रैक किसी नदी, घाटी या अन्य भू-आकृति के ऊपर से गुजरता है।
वैष्णव ने इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि कटनी में हाल ही में स्थापित यह ब्रिज पहले से मौजूद रेलवे ट्रैक के ऊपर बनाए गए नए ट्रैक को ऊंचाई प्रदान करता है। उन्होंने इस कार्य को रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए टीम की प्रशंसा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कटनी में केवल 2.5 घंटे में 76.2 मीटर लंबे ओपन वेब गर्डर का सफलतापूर्वक लांच।”
Successful launch of 76.20m Open Web Girder, rail over rail at Katni in record 2.5 hours. pic.twitter.com/YrGnfZolgP
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 16, 2025
Railways installed open web girder in two and a half hours : गौरतलब है कि, पिछले सप्ताह, मंत्री ने कटरा से श्रीनगर तक के प्रस्तावित रेल मार्ग के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का वीडियो भी साझा किया था। यह रेलमार्ग जम्मू और कश्मीर घाटी को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। 49 सेकंड के इस वीडियो में ट्रेन की विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया, जिसे खास तौर पर जम्मू-कश्मीर की कठोर सर्दियों में भी सुचारू रूप से चलने के लिए डिजाइन किया गया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह ट्रेन देश के अन्य हिस्सों में चल रही 136 वंदे भारत ट्रेनों से अधिक उन्नत होगी। इसमें कठोर मौसम से निपटने के लिए कई नई तकनीकी सुविधाएं जोड़ी गई हैं। ट्रेन में ऐसे हीटिंग सिस्टम लगाए गए हैं, जो पानी की टंकियों और बायो-टॉयलेट टैंकों को ठंड में जमने से बचाते हैं। इसके अलावा, वैक्यूम सिस्टम के साथ लैब्स को गर्म हवा उपलब्ध कराई जाती है और एयर-ब्रेक सिस्टम को भी सर्दियों में बेहतरीन संचालन के लिए अनुकूलित किया गया है।
Railways installed open web girder in two and a half hours : इन नई सुविधाओं के अलावा, ट्रेन में मौजूदा वंदे भारत ट्रेनों की अन्य विशेषताएं भी शामिल हैं, जैसे पूरी तरह वातानुकूलित कोच, स्वचालित प्लग दरवाजे और मोबाइल चार्जिंग सॉकेट। यह ट्रेन न केवल यात्रियों की सुविधा को बढ़ाएगी, बल्कि कठोर सर्दियों में भी अपनी कार्यक्षमता को बनाए रखेगी।