Reported By: Vikas Barman
,कटनी। Katni News: सरकार बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ पर जोर दे रही है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, कटनी शहर से महज 10 किलोमीटर दूर एक गांव ऐसे हैं जहां 8वीं के बाद बेटियां पढ़ाई नहीं करती। इसकी वजह परिजनों में बेटियों के साथ अनहोनी होने का डर है। इसके अलावा जो स्कूल जाने और शहर की तरफ आने वाला पास का रास्ता है वह बेहद खराब है। कटनी जिले से खराब रास्ते से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित घिनौनी गांवों में 8वीं तक का सरकारी स्कूल है। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए 7 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, लेकिन रास्ता बेहद खराब है और यह रास्ता जिले के दो विधानसभा क्षेत्र मुड़वारा और बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र को भी जोड़ता है और इन दोनों विधानसभा क्षेत्र के बीचो बीच एक 7 करोड़ की लागत से 2018 में पुल का निर्माण हुआ था,जो खराब सड़क के चलते सुना रहता है। इससे बहुत कम ही ग्रामीण और बच्चे गुजरते हैं।
वहीं घिनौनी गांव से शहर और स्कूल जाने के लिए जो दूसरा रस्ता है, वह रास्ता जंगल में पड़ता है। जिससे छात्राओं को खतरा बना रहता है और कई बार उनके साथ छेड़छाड़ जैसे वारदातें भी हो चुकी है। इससे ग्रामीण बेटियों की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद है। ऐसे में मजबूरी में परिजन बेटियों की आगे की पढ़ाई नहीं करवाकर हाथ पीले करवा रहे हैं। यही वजह है कि बीते कई साल में ग्राम की अधिकांश बेटियाें को 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी। एकाएक बेटियों के पढ़ाई छोड़ने पर IBC24 न्यूज़ के संवाददाता ने घिनौनी और इससे लगे हुए पंचायत में जाकर पड़ताल की तो वजह चौंकाने वाली सामने आई।
इस गांव की कुल 1 हजार की आबादी वाले इन गांव से शहर की तरफ आने वाला रास्ता जो सिर्फ 5 किलोमीटर का है। उसकी हालत बेहद ही खराब है और बारिश के दिनों में तो यह रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है जिससे निकलना दूभर हो जाता है। वही जो दूसरा रस्ता है उस रस्ते से शहर की तरफ आने के लिए ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और यह रस्ता जंगल से गुजरता है। जंगल होने के कारण आवागमन के कम साधन होते है। ऐसे में छात्राओं के वीराने में पैदल य साईकिल से इतनी लंबी दूरी तय करने में हमेशा अनहोनी का डर बना रहता है।
Katni News: कटनी जिले के बहोरीबंद विधानसभा स्थित घिनौनी ग्राम के महिलाओं और पुरुषों ने बताया कि, 8वीं के बाद पढ़ाई के लिए गांव से बाहर छात्राओं के पैदल जाने वाला मार्ग काफी वीरान है। कई बार शरारती लड़के भी छेड़छाड़ करते हैं। दूसरी ओर यहां जानवरों का भी डर बना रहता है। साथ ही ग्रामीणों ने यह भी बताया कि यदि खराब रास्ते बन जाए तो कम दूरी तय कर समय से सुरक्षित स्कूल आना जान कर सकते है,गांवों के बच्चे और उनके परिजनों को राहत मिलेगी।