भोपाल । कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने रविवार को कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने पर वह पुरानी पेंशन योजना वापस लाएगी। पुरानी पेंशन योजना की जगह केंद्र सरकार 2004 में एक नई योजना लाई थी और मध्य प्रदेश ने भी इस विकल्प को चुना था। कमलनाथ ने सुबह में ट्वीट किया, ‘‘शिवराज (सिंह चौहान) सरकार द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही फिर से बहाल किया जाएगा।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सचिव रजनीश अग्रवाल ने इस घोषणा को महत्व नहीं देते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कमलनाथ का इतिहास वादों को पूरा नहीं करने का रहा है।
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उन्होंने दावा किया, ‘‘कमलनाथ चुनाव से पहले किये गये वादों से मुकरने के लिए जाने जाते हैं, जो मध्य प्रदेश में उनके 15 महीने के शासन के दौरान दिखा। वह सत्ता में आने के बाद बदल गये। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई कदम उठा रहे हैं और सभी वादों को पूरा कर रहे हैं।’’ अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कमलनाथ ने भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाएं रोक दी थीं। कमलनाथ की घोषणा का स्वागत करते हुए ‘नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम’ की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख परमानंद देहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान को भी इसी तरह की एक घोषणा करनी चाहिए।
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उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख का शुक्रिया अदा करते हैं और मुख्यमंत्री से आगामी बजट सत्र में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने का अनुरोध करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनका संगठन इस विषय को लेकर प्रदर्शन करता रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में तत्कालीन भाजपा सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना रद्द कर दी थी, जो एक जनवरी 2005 से प्रभावी हुई थी।
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