Jabalpur Lok Sabha Chunav 2024: जबलपुर। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है। प्रदेश में चार चरणों में मतदान होने हैं ऐसे में एक तरफ जहां बीजेपी ने अपने सभी प्रत्याशियों के नामों का का ऐलान कर दिया है। पहले चरण में प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा में वोट डाले जाएंगे। लेकिन, कांग्रेस अभी तक सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम भी फाइनल नहीं कर पाई है।
इन चार सीटों पर कांग्रेस को नहीं मिल रहे दमदार प्रत्याशी
मध्य प्रदेश की उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर, इन चार सीटों पर कांग्रेस को दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। इन्ही में से एक है जबलपुर की लोकसभा सीट जहां से बीजेपी ने आशीष दुबे को मैदान पर उतारा है। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम आना बाकी है।
18 लाख से अधिक मतदाता करेंगे मतदान
जबलपुर में 14.3 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है और 15.04 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है। लोकसभा चुनाव में भी दिव्यांग एवं 85 वर्ष से अधिक की आयु के मतदाताओं को सहमति देने पर डाक मत पत्र से घर से वोट डालने की सुविधा दी जायेगी। वहीं, कुल 18 लाख 94 हजार 304 मतदाताओं में से दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 22 हजार 225 और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 6 हजार 755 है।
1996 से जबलपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा
बता दें कि साल 1996 से जबलपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। यहां से पिछले चार चुनाव में राकेश सिंह बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे थे। लेकिन, विधानसभा चुनाव में राकेश सिंह विधायक और डॉ मोहन यादव सरकार में मंत्री बन गए। ऐसे में बीजेपी ने राकेश सिंह की जगह पर इस बार बिल्कुल नया चेहरा प्रदेश महामंत्री आशीष गोंटिया दुबे को मैदान में उतारा है। जबलपुर से BJP लोकसभा प्रत्याशी आशीष दुबे ने वर्ष 1990 से कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था। साल 2000 में उन्हें BJP युवा मोर्चा का जिला मंत्री बनाया था।
जबलपुर लोकसभा का इतिहास
1957 में परिणाम
जबलपुर लोकसभा सीट पर साल 1957 में पहली बार चुनाव हुआ। कांग्रेस के गोविंददास सेठ ने यहां पर पहले चुनाव में जीत दर्ज की थी। जनता दल (यू) के पूर्व नेता शरद यादव भी इस सीट से जीतकर संसद पहुंचे चुके हैं।
1977 के परिणाम
शरद यादव ने 1977 के चुनाव में इस सीट से चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के जगदीश नारायण अवस्थी को हराकर संसद पहुंचे थे। इससे पहले 1962 से लेकर 1971 तक के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के गोविंददास ने ही जीत हासिल की।
1982 के परिणाम
बीजेपी पहली बार इस सीट पर 1982 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी। तब बी.परांजपे बीजेपी के टिकट पर इस सीट से संसद पहुचंने वाले पहले नेता थे। हालांकि 1984 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
1996 के परिणाम
साल 1996 से जबलपुर सीट में बीजेपी का ही उम्मीदवार जीतता आया है। बीजेपी को लगातार पिछले 6 चुनावों में जीत मिली है। 2004, 2009, 2014 में जहां राकेश सिंह लगातार यहां पर जीत हासिल किए तो, 1999 में जयश्री बनर्जी को जीत मिली और 1998 और 1996 में बी.परांजपे ने जीत हासिल की थी।
2019 के परिणाम
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी राकेश सिंह ने 8,26,454 वोटों के साथ जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी विवेक कृष्ण तन्खा 3,71,710 वोटो के साथ दूसरे नंबर पर रहा और बसपा प्रत्याशी रामराज राम 12,873 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थें।
2014 के परिणाम
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राकेश सिंह ने कांग्रेस के विवेक तन्खा को हराया था। वहीं, बसपा के आफताह आलम तीसरे स्थान पर रहे थे। राकेश सिंह को 5,64,609 वोट(56.34फीसदी) मिले थे। वहीं, विवेक तन्खा को 3,55970 वोट मिले थे।
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