Muharram in Durga and Bhairava Mandir : मुहर्रम पर अनोखी परंपरा..! यहां दुर्गा और भैरव मंदिर के सामने क्यों रखी जाती है ताजिया की सवारी? जानें इसके पीछे का रहस्य..

Muharram in Durga and Bhairava Mandir : गढ़ा के छोटी बजरिया में दुर्गा मंदिर और भैरव मंदिर के बीच में ताजिया सवारी रखी जाती है।

जबलपुर। Muharram in Durga and Bhairava Mandir : जबलपुर को यूं ही संस्कारधानी नहीं कहा जाता है, यहां न सिर्फ संस्कार बसे हुए है बल्कि कौमी एकता की मिसाल भी देखी जा सकती है। इसी मिसाल का एक उदाहरण शहादत के पर्व मुहर्रम पर देखने मिल रहा है। जबलपुर के उपनगरीय इलाके गढ़ा के छोटी बजरिया में दुर्गा मंदिर और भैरव मंदिर के बीच में ताजिया सवारी रखी जाती है। यह दो मंदिरो के बीच मे ताजिया और सवारी कौमी एकता की मिसाल पेश करते है।

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Muharram in Durga and Bhairava Mandir : यह परंपरा करीब 80 से 90 साल पुरानी है। यहां हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर सभी त्यौहार मनाते हैं और दुनिया के सामने एक अनोखी मिसाल पेश करते हैं। वहीं इस दौरान एक झांकी भी बनाई गई है। जिसमें हुसैनी चौक और कर्बला का सीन भी बनाया गया है जो जायरीनों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

आपको बता दें कि मुहर्रम पर पूरे शहर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। कौमी एकता की मिसाल पेश करते आ रहे दोनों समुदाय के लोगों का कहना है कि बुजुर्गों ने जो परंपरा शुरू की थी। उसे वह भी निभाते आ रहे है। क्योंकि संस्कारधानी की गंगा जमुनी तहज़ीब हमें मिलजुल कर रहने की सीख देती है। इसलिए दोनों धर्मो के त्यौहार सभी मिलकर मनाते है।

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