Reported By: Vijendra Pandey
,जबलपुर: Unnatural Sex with wife देश में कड़े कानून होने के बाद भी रेप और महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजाना देशभर में हजारों ऐसे मामले दर्ज हो रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी मामले सामने आते हैं जो न्यायलय में जाकर फर्जी साबित हो जाते हैं या मजबूत आधार नहीं होने के चलते कोर्ट से आरोपी को रिहा कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में अक्सर आरोपी को परेशान होना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश से सामने आया है, जहां ‘मैरिटल रेप’ के मामले में हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका को खारिज कर पति को बड़ी राहत दी है। मामले में सुनवाई जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की बेंच में हुई।
Unnatural Sex with wife मिली जानकारी के अनुसार एक महिला पत्नी ने अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए कहा था कि वह जब दूसरी बार अपने ससुराल गई तो पति ने अप्राकृतिक सेक्स किया। पत्नी की मानें तो इसके बाद पति ने कई बार अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। वहीं, पत्नी की शिकायत के बाद पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पति को राहत दे दी है।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शुरुआत में, आईपीसी की धारा 375 (ए) (2013 संशोधन अधिनियम द्वारा संशोधित) की जांच करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी महिला के मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में अपना लिंग प्रवेश कराता है, तो वह बलात्कार का दोषी होगा। हालांकि, धारा 375 के अपवाद 2 का उल्लेख करते हुए, कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी ही पत्नी, जिसकी पत्नी 15 वर्ष से कम उम्र की न हो, के साथ संभोग या यौन कृत्य बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा।
जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की बेंच ने कहा कि यदि एक पत्नी वैध विवाह के दौरान अपने पति संग रह रही है, तो पति द्वारा अपनी ही पत्नी, जो 15 साल से कम उम्र की न हो, के साथ कोई भी संभोग या यौन कृत्य बलात्कार नहीं होगा। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि कानून की इस स्थिति का एकमात्र अपवाद आईपीसी की धारा 376B है। इसमें ज्यूडिशियल सेपरेशन के कारण या वैसे ही अलग रहने के दौरान अपनी ही पत्नी के साथ यौन कृत्य बलात्कार होगा। ”हाईकोर्ट ने धारा 375 के अपवाद 2 का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी पुरुष द्वारा 15 साल से अधिक उम्र की अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध या यौन कृत्य बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएंगे।”
सिंगल जज बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा, ”…किसी महिला के गुदा में लिंग का प्रवेश भी ‘बलात्कार’ की परिभाषा में शामिल किया गया है, लेकिन पति द्वारा अपनी पत्नी (जो 15 वर्ष से कम उम्र की न हो) के साथ कोई भी संभोग या यौन कृत्य बलात्कार नहीं है, तो इन परिस्थितियों में, अप्राकृतिक कृत्य के लिए पत्नी की सहमति न होने से उसका महत्व समाप्त हो जाता है।”