Reported By: Vijendra Pandey
,जबलपुर। Jabalpur Open Class: जबलपुर में एक युवा शिक्षक ने गरीब परिवार के बच्चों की तकदीर बदल दी है। पराग दीवान नाम के ये शिक्षक नर्मदा नदी के किनारे घाट की पाठशाला चलाते हैं जहां कोई भी बच्चा आकर मुफ्त पढ़ाई कर सकता है। बात सिर्फ मुफ्त शिक्षा की नहीं बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता है। पराग दीवान कुछ इस तकनीक से बच्चों को पढ़ाते हैं कि इस घाट की पाठशाला का हर बच्चा कठिन से कठिन सवालों का जवाब एक सांस में दे देता है। पराग वैसे तो गणित, विज्ञान सहित हर विषय में निपुण हैं, पर वैदिक गणित में उन्हें महारथ हासिल है। वे कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को अपनी अलग ट्रिक से इस तरह पढ़ा रहे हैं कि बच्चे भी हाथ की अंगुलियों को कैल्युलेटर बनाकर बड़े से बड़े अंक का स्क्वैयर, क्यूब पलक झपकते ही निकाल लेते हैं। गणित-विज्ञान के सूत्र, संस्कृत के श्लोक भी बच्चों को कंठस्थ हो चुके हैं।
युवा भी पहुंचते है इनकी क्लास में
जबलपुर में नर्मदा नदी के गौरीघाट पर रोजाना रात आठ बजे से खुले आसमान के नीचे पराग की पाठशाला लगती है जिसमें सैकड़ों बच्चे पढ़ने पहुंचते हैं। पराग बताते हैं कि गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के मकसद से उन्होंने साल 2016 से नर्मदा तट पर चार-पांच बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। उनकी पढ़ाई की ट्रिक बच्चों को पंसद आई और उनकी योग्यता बढ़ती गई। धीरे-धीरे और बच्चे भी उनके पास पढ़ने के लिए आने लगे। उनकी क्लास में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा भी पहुंच रहे हैं। उनके द्वारा पढ़ाए हुए 10 बच्चे सेना में भर्ती हो चुके हैं।
Jabalpur Open Class: इधर पराग सर की घाट की पाठशाला में बच्चों के हैरतअंगेज परफॉर्मेंस को देखकर लोग भी दंग रह जाते हैं जो कहते हैं कि पराग दीवान जैसे शिक्षक की नियुक्ति को शिक्षा मंत्रालय में की जानी चाहिए। इधर पराग कहते हैं कि भारत को अगर विश्वगुरु बनाना है तो फिर गुरुकुल परंपरा की शिक्षा नीति के रास्ते पर चलना होगा। उनका कहना है कि हर बच्चे में आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं होती हैं बस कच्ची मिट्टी को सही आकार देने की जरूरत पड़ती है।