Reported By: Vijendra Pandey
,जबलपुर: ST/SC Act 1989 in Hindi हाईकोर्ट ने एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज एक मामला रद्द करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है जो आगे चलकर नज़ीर बन सकता है। हाईकोर्ट ने स्कूल के स्टाफ रूम को पब्लिक प्लेस ना मानते हुए जातिगत टिप्पणी करने वाले आरोपी को राहत दे दी है और उसके खिलाफ दर्ज अपराध रद्द करने के आदेश दिए हैं।
ST/SC Act 1989 in Hindi दरअसल मामला शहडोल का है जहां अनुसूचित जाति के एक शख्स ने सवर्ण वर्ग के आरोपी पर जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाकर एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने पाया कि जातिगत टिप्पणी स्कूल के स्टाफ रुम में बातचीत के दौरान की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि एससी एसटी एक्ट किसी भी स्थान पर “सार्वजनिक दृष्टि से” अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य का जानबूझकर अपमान करने या डराने-धमकाने के लिए दंडित करती है।
हाईकोर्ट ने कहा, चूंकि स्टाफ रूम “सार्वजनिक दृश्य के भीतर का स्थान” नहीं है, इसलिए आरोपी के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। इसी टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता आशुतोष तिवारी को राहत दी है और उसके खिलाफ शहडोल जिला अदालत में एट्रोसिटी एक्ट के तहत चल रहे मामले को रद्द कर दिया है।