Reported By: Abhishek Sharma
,जबलपुर।Jabalpur News: मध्यप्रदेश के पुलिस अधिकारी, कमचारियों और उनके परिवार को इलाज की चिंता से मुक्त करने पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू की थी,लेकिन जबलपुर में सैकड़ो पुलिस कर्मी ऐसे हैं जिनके लिए पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना परेशानी का सबब बन रही है। दरअसल, जबलपुर जिले के करीब 700 पुलिस जवान ऐसे हैं जिन्होंने अपना और अपने परिजनों का इलाज पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत तो कराया,लेकिन अब उनके बिल अटक गए हैं,जिसके लिए लगातार पीड़ित पुलिस कर्मी दफ्तर के साथ आला अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं फिर भी उन्हें अब तक राहत नहीं मिल सकी है। उलटा अस्पतालों के बिल का बोझ भी जबलपुर पुलिस पर बढ़ता जा रहा है, क्योंकि पुलिस विभाग के पास अस्पतालों के साल 2022 और 2023 के बिल लंबित हैं जिनका भुगतान आज तक नहीं हुआ है।
जानकारी के अनुसार 300 मामले ऐसे हैं जिनमें कैशलेस सुविधा के तहत इलाज कराया गया, जिसके तहत लगभग दो करोड़ रुपए की राशि अस्पतालों को दी जानी है, करीब 400 ऐसे पुलिस कर्मी हैं जिन्होंने अपने पास से पैसा जमा कर अपना या अपने परिजनों का इलाज कराया है। दरअसल, पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में प्रत्येक पुलिस जवान को प्रति माह एक रुपए अंशदान के रूप में जमा करने होते हैं। इसके तहत प्रत्येक पुलिस जवान समेत उसकी पत्नी और बच्चों को एक वित्तीय वर्ष में 8 लाख रुपए तक के इलाज की पात्रता होती है।
Jabalpur News: पुलिस स्वास्थ्य योजना के तहत अस्पताल के बल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पेश करना होता है लेकिन उन्हें इलाज में खर्च की गई राशि अब तक नहीं मिल सकी है। योजना के तहत पुलिस मुख्यालय से सितंबर 2023 में आखिरी बार बजट आया था यह बजट अस्पतालों और उन जवानों को दिया गया है जिन्होंने इलाज में राशि खर्च की थी, लेकिन उसके बाद से बजट नहीं आया और यही वजह है कि अब सैकड़ों बिल अटक गए हैं। हालांकि जानकारों के मुताबिक पुलिस स्वास्थ्य योजना के तहत मार्च के आखिरी तक बजट का आबंटन हो सकता है। यदि आखिरी सप्ताह के अंतिम दिनों में बजट मिलता है तो सभी बिल पास करना मुश्किल होगा मार्च की आखिरी तारीख को बजट समाप्त हो जाएगा इससे परेशानी और बढ़ जाएगी।