जबलपुर: मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर जबलपुर के नाम से जुड़े अपभ्रंश को डॉ मोहन की नई सरकार दूर करने जा रही हैं। मेयर इन काउंसिल की बैठक में जबलपुर का पुराना नाम फिर से जाबालिपुरम किये जाने पर सहमति बन गई है। इस संबंध में संकल्प प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इस पर निर्णय लेने की मांग की गई हैं। हालाँकि इसे पहले पूर्व महापौर सुशीला सिंह के कार्यकाल में भी इसी तरह का संकल्प प्रस्ताव पारित किया जा चुका हैं। लेकिन इस बार इस फैसले को अमल में लाने के लिए बड़े प्रयास किये जायेंगे। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बताया हैं कि जल्द ही साधु संतों के साथ एमआईसी का संकल्प लेकर सीएम डॉ मोहन से मुलाकात की जाएगी। बता दें कि इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए तैयार लगभग 1600 करोड़ के बजट और वर्ष 2023-24 के पुनरीक्षित बजट को मंजूरी प्रदान की गई हैं।
बता दें कि जबलपुर को सनातन काल से ही ऋषि जाबालि के तपोभूमि के तौर पर प्रसिद्धि हासिल हुई हैं। हालांकि मुगलकाल से जबलपुर के तौर पर जाबालिपुरम के अपभ्रंश को अपना लिया गया। अब देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार इस मामले में किस तरह के फैसले लेती हैं।