PM kisan samman nidhi ghotala: जबलपुर। देशभर के किसान पिछले कई दिनों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि का इंतजार कर रहे है। लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर से बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अपात्रों को उनके खातों में राशि भेजे जाने का मामला सामने आया है। जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही ऐसा खेल खेला कि एक दो नहीं जिले के सभी सातों विकासखंडों में 6,966 किसानों को मनमाने ढंग से योजना में शामिल कर लिया। जब केंद्र स्तर से सूक्ष्म जांच चली तो पता चला कि जिले में 04 करोड़ रुपये से ज्यादा अपात्र किसानों के खातों में जमा करा दिए गए है।
PM kisan samman nidhi ghotala: चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी राशि पाने वालों में किसान, डॉक्टर, इंजीनियर से लेकर व्यापारी तक शामिल हैं। सरकार के निर्देश में हुई जांच के बाद आंकड़े सामने आए तो जिम्मेदार अधिकारी अब राशि की वसूली में जुट गए हैं। तीन महीनों के दौरान कुल 19 प्रतिशत राशि अब तक किसानों से जमा कराई गई है। जिला प्रशासन के मुताबिक भोपाल भेजी गई रिपोर्ट में 6 फरवरी तक 1 करोड़ 60 लाख रुपये अपात्र किसानों से वापस वसूले जा चुके हैं। यह वसूली गई राशि का मात्र 19 प्रतिशत है। सर्वाधिक राशि कुंडम और पाटन ब्लाक में बकाया है। इसी तरह सम्मान निधि में गड़बड़ जिले की सभी तहसीलों में देखने को मिली है।
PM kisan samman nidhi ghotala: दरअसल, योजना की शुरुआत में किसानों की सूची तैयार की गई थी, उसी आधार पर जिला प्रशासन ने पीएम सम्मान निधि की राशि उनके खातों में हस्तांतरित कर दी। लेकिन बाद में पता चला कि इस सूची में शामिल 6 हज़ार से ज्यादा किसान तो इस राशि को पाने के लिए पात्र ही नहीं हैं। लिहाजा अब उनसे राशि वापस जमा कराने की जद्दोजहद शुरू हो चुकी है। तहसीलदारों के माध्यम से संबंधित अपात्रों को राशि वापस करने के लिए नोटिस भेजे जा रहे है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर केंद्र स्तर से सूक्ष्म जांच के आदेश नहीं आते तो 6 हजार 9 सौ 66 अपात्र किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि का लाभ लगातार लेते रहते।
PM kisan samman nidhi ghotala: गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को की गई थी। इस योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं, यह राशि सीधे खातों में पहुंचाई जाती है। दो हेक्टेयर या इससे कम जमीन वाले किसानों को ही पीएम किसान योजना में शामिल किया गया है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना चलाई है, जिसके तहत सालाना 4,000 रुपये राज्य के पात्र किसानों को दो किस्तों में दिए जा रहे हैं। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते पात्र किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।