जबलपुर : Jabalpur High Court’s decision जिला बदर के मामलों पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा की कलेक्टर्स को राजनीतिक दबाव में काम नहीं करना चाहिए और कानून के दायरे में ही जिला बदर की कार्रवाई की जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को यह निर्देश भी दिया है कि वह प्रदेश के सभी कलेक्टर्स की बैठक बुलवाएं और उन्हें राज्य सुरक्षा कानून के नियम प्रावधान समझाएं। इसी टिप्पणी के साथ जबलपुर हाईकोर्ट ने बुरहानपुर कलेक्टर द्वारा की गई एक जिला बदर की कार्रवाई को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने जिला बदर की कार्रवाई को अवैध पाए हुए राज्य सरकार पर 50 हज़ार रुपयों का जुर्माना भी ठोंका है। कोर्ट ने साफ कहा है कि राज्य सरकार इस जुर्माने की वसूली, बुरहानपुर कलेक्टर से करने के लिए स्वतंत्र है।
Jabalpur High Court’s decision दरअसल बुरहानपुर कलेक्टर ने अनंत राम आवासे नाम के एक आदिवासी नेता के खिलाफ राज्य सुरक्षा कानून के तहत जिला बदर की कार्रवाई की थी, जिसमें उनके जिले की सीमा में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी। इस कार्रवाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई। इसमें कहा गया की कलेक्टर ने राजनीतिक दबाव में काम किया और सिर्फ दो एफआईआर होने पर जिला बदर की कार्रवाई कर दी गई जबकि दोनों मामले अभी अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए न सिर्फ जिलाबदर की कार्रवाई को रद्द किया, सरकार पर 50 हज़ार रू का जुर्माना ठोका बल्कि मुख्य सचिव को प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को राज्य सुरक्षा कानून के नियम समझने के भी निर्देश दिए हैं।
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