Reported By: Vijendra Pandey
,जबलपुर।High Court On MP Teacher Recruitment: मध्यप्रदेश में हाई स्कूल शिक्षक भर्ती पर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि, जब तक सरकार शिक्षक भर्ती के नियम नहीं सुधार लेती तब तक हाई स्कूल शिक्षकों के बचे हुए पदों पर भर्तियां नहीं की जाएंगी। यानि भर्ती नियम सुधरने तक हाईकोर्ट ने हाई स्कूल शिक्षकों के 18 हजार में से बचे हुए करीब 6 हजार पदों पर भर्तियों पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षक भर्ती नियम सुधारने के लिए 3 हफ्तों की मोहलत दी है, जिसके बाद मामले पर अगली सुनवाई की जाएगी।
दरअसल, हाई स्कूल शिक्षक भर्ती में उम्मीदवारों के सैकेंड डिवीजन क्राईटेरिया को लेकर बड़ा विरोधाभास था। शिक्षा विभाग ने 448 ऐसे उम्मीदवारों को सैकेंड डिवीजन मानकर भर्ती किया है जिनके ग्रेजुएशन में मार्क्स 45 से 50 फीसदी के भीतर हैं। दूसरी तरफ ऐसे कई उम्मीदवार हैं जिन्हें थर्ड डिवीजन मानकर भर्ती नहीं किया गया है, जबकि ग्रेजुएशन में उनके भी मार्क्स 45 से 50 फीसदी के बीच थे।
High Court On MP Teacher Recruitment: बता दें कि, एनसीटीई यानि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन के नियमों के मुताबिक उम्मीदवारों की एलिजिबिलिटी यानि पात्रता, ग्रेजुएशन में सैकेंड डिवीजन तय की गई थी, लेकिन कई यूनिवर्सिटी 45 से 50 फीसदी अंक लाने वालों को सैकेंड डिवीजन तो कई यूनिवर्सिटी थर्ड डिवीजन मानती हैं। ऐसे में जब शिक्षा विभाग ने अंकों की जगह सिर्फ मार्कशीट में सैकैंड या थर्ड डिवीजन देखकर भर्तियां की है तो पूरी भर्ती प्रक्रिया सवालों में आ गई। अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षक भर्ती नियम सुधारने के लिए 3 हफ्तों की मोहलत दी है और तब तक बचे हुए पदों पर शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि वो उम्मीदवारों की पात्रता के लिए सैकेंड डिवीजन की बजाय उनके मार्क्स को आधार बनाए।
हां, मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती पर हाई कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जिनमें भर्ती प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न मामलों की समीक्षा की गई है।
हाई कोर्ट पर विचाराधीन मामलों के आधार पर मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती पर आदेश जारी होने की तारीख में बदलाव हो सकता है। अदालती प्रक्रिया के बाद ही अंतिम आदेश जारी होगा।
हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया के लिए कुछ सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।
हां, हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती के नियमों में संसोधन होने तक कुल 6000 पदों पर भर्ती पर रोक लगाई है।
हाई कोर्ट की कार्रवाई से भर्ती परिणाम प्रभावित हो सकते हैं, विशेष रूप से यदि कोई कानूनी मामले या विवाद सामने आते हैं।