Reported By: Vijendra Pandey
,RDVV Kulguru Rajesh Verma। Photo Credit: IBC24
RDVV Kulguru Rajesh Verma: जबलपुर। महिला कर्मचारी से छेड़खानी की जांच में फंसे जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर राजेश वर्मा की नई मुश्किल खड़ी हो गई है। कुलगुरु प्रोफेसर राजेश वर्मा की नियुक्ति अवैध होने के आरोप वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और कुलगुरु प्रोफेसर राजेश वर्मा के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
4 हफ्तों में जवाब पेश करने के निर्देश
हाईकोर्ट ने इन सभी पक्षों को 4 हफ्तों में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट में ये याचिका एनएसयूआई जबलपुर के जिलाअध्यक्ष सचिन रजक ने दायर की है। याचिका में नियमों का हवाला देकर कहा गया है कि, प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी के बाद 10 साल का टीचिंग अनुभव होना जरूरी है, लेकिन कुलगुरु राजेश वर्मा इस शर्त को पूरा किए बिना ही प्रोफेसर बना दिए गए थे।
2008 में राजेश वर्मा को मिली थी पीएचडी की डिग्री
याचिका में दस्तावेज पेश कर कहा गया है कि राजेश वर्मा ने साल 2008 में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी और इसके अगले साल ही 2009 में उन्हें प्रोफेसर पद पर नियुक्त कर दिया गया था। ऐसे में इस याचिका में कुलगुरु प्रोफेसर राजेश वर्मा को पद से हटाने और उनपर कार्यवाई की मांग की गई है। फिलहाल जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले में नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब तलब किया है। बता दें कि, NSUI के जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने याचिका दायर की है।