बच्चों को जबरन बाइबिल पढ़ाने के मामले पर HC का बड़ा फैसला, कहा- अधिनियम में धार्मिक शिक्षा का कोई प्रावधान नहीं

HC decision on the matter of forcibly teaching Bible to children धर्मांतण के बाद अब बच्चों को जबरन बाइबिल पढ़ाने का मामला सामने आ रहा है।

  •  
  • Publish Date - June 23, 2023 / 12:14 PM IST,
    Updated On - June 23, 2023 / 12:14 PM IST

HC decision on the matter of forcibly: जबलपुर। धर्मांतण के बाद अब बच्चों को जबरन बाइबिल पढ़ाने का मामला सामने आ रहा है। कटनी के आशा किरण संस्थान में बाइबिल पढ़ाया जा रहा था। बच्चों को जबरन बाइबिल पढ़ाने पर बिशप सहित संचालकों पर FIR दर्ज हुई थी। इस मामले को लेकर HC ने धार्मिक शिक्षा नहीं देने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी। संस्थान संचालकों की अग्रिम जमानत याचिका पर HC ने टिप्पणी की, कहा- अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में धार्मिक शिक्षा का प्रावधान नहीं है। बच्चों को व्यवसायिक, कौशल विकास की शिक्षा देनी चाहिए।

Read more: ’अनेकों दूल्हों की लगी है दावेदारी’, विपक्षी दलों की बैठक पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद का तंज 

जानकारी मुताबिक मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे अधिनियम) के तहत पंजीकृत आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों को कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाए।

Read more: प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी, जलप्रलय से अस्त-व्यस्त हुआ जन-जीवन, लाखों लोग हुए प्रभावित 

HC decision on the matter of forcibly: जस्टिस विशाल धगट की एकल न्यायाधीश पीठ ने बच्चों को केवल धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हुए कहा, “…यह राज्य सरकार को देखना है कि आश्रय गृहों में बच्चों को धार्मिक शिक्षा ना दी जाए, बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए, जैसा कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 53 में निर्धारित है।”

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें