भोपाल। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले पर अब मध्यप्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी का कहना है कि जहां कांग्रेस की सरकार होती है, वहां नक्सली हमले होते हैं और जहां बीजेपी की सरकार होती है, वहां नक्सली मारे जाते हैं। इस बयान को कांग्रेस ने शहादत पर रोटी सेंकने की राजनीति बताया है। सवाल है कि जब नक्सल समस्या को खत्म करने की जिम्मेदारी जितनी राज्य की है उतनी केंद्र की भी है। तो फिर बीजेपी और कांग्रेस में बयानबाजी क्यों हो रही है। क्या 10 जवानों की शहादत भी सियासत का मुद्दा है?
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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले की गूंज मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों तक सुनाई दे रही है। नक्सलवाद के बहाने मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर बड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। वहां नक्सली हमला कर रहे हैं और मध्यप्रदेश में भाजपा है, यहां नक्सली मारे जा रहे हैं।
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नरोत्तम मिश्रा के इस हमले पर भोपाल में ही मौजूद छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पलटवार किया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा को जानकारी ही नहीं है, वे केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने भी नरोत्तम मिश्रा को आड़े हाथ लिया।
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छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद बड़ी चुनौती हैं लेकिन मध्यप्रदेश में भी नक्सलियों की जड़ें कम गहरी नहीं। वैसे भी नक्सल समस्या सिर्फ राज्य नहीं बल्कि केंद्र की जिम्मेदारी भी है। जाहिर है नक्सली हमलों के लिए सिर्फ एक को दोषी करार देना कोरी राजनीति के सिवा कुछ नहीं। सवाल है कि मध्यप्रदेश में ऐसी राजनीति की जरूरत क्यों पड़ी? शहादत पर संवेदनाओं की जगह सियासी बयानबाजी। ये तो हद हो गई हुजूर!