इंदौर। Indore MY Hospital Case Update : मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित एमवाय अस्पताल की घटना पर बवाल मच गया है। अस्पताल में शनिवार देर रात एक महिला डॉक्टर के रूम के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की गई। महिला डॉक्टर ड्यूटी रूम में आराम करने गई थी। इसी दौरान नशे में धुत अटेंडर ने दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की। हैरानी की बात तो यह है कि इस दौरान वहां कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। सिक्योरिटी गार्ड रूम से दूर ड्यूटी के दौरान नींद भांजता मिला। अब इस घटना के बाद से अस्पताल के सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
Indore MY Hospital Case Update : बीते कोलकाता से आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या की घटना के बाद भी मध्यप्रदेश के अस्पतालों में लगातार ऐसी घटना देखी जा रही है। अब एमवाय अस्पताल महिला डॉक्टर ड्यूटी रूम की दरवाजा तोड़ने की गई है। इस घटना के बाद से अस्पताल के सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना के बाद कई नेताओं ने प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। तो वहीं विपक्ष अब मोहन सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है।
इंदौर के MY हॉस्पिटल में देर रात एक महिला डॉक्टर की सुरक्षा में चूक को लेकर इंदौर सांसद शंकर लालवानी का बड़ा बयान सामने आया है। सांसद लालवानी ने कहा कि मामला संज्ञान में आ चुका है। प्रशासन इसमें उचित कार्रवाई करेगा। इस तरह कि घटना कि पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भी प्रसाशनिक अशिकारियो से बात की है। तो वहीं मंत्री प्रहलाद पटेल कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जूडा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक डॉ विक्रान्त भूरिया का MY अस्पताल की घटना पर बड़ा बयान सामने आया है। विक्रांत भूरिया ने कहा कि महिला स्टाफ कहीं किसी अस्पताल में सुरक्षित नहीं है। सरकार सिर्फ हवा में दावे करती है। डॉ प्रोटेक्शन एक्ट सिर्फ दिखावे के लिए लागू है। अस्पतालों में मारपीट,छेड़खानी की घटनाएं हकीकत है। महिला डॉक्टर असुरक्षित हैं,ये घटनाएं पहले भी हुईं हैं,ऐसे हादसों की जिम्मेदार सरकार है। डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में शनिवार रात करीब 12:30 बजे फिर एक ड्यूटी डॉक्टर को निशाना बनाया गया। एक महिला ड्यूटी डॉक्टर अपना पूरा राउंड कंप्लीट करने के बाद जब फीमेल डॉक्टर ड्यूटी रूम में आराम करने पहुंचती है तो कोई उसके दरवाजे पर जोर-जोर से ठोकता है। दरवाजे को इस तरह से ठोका जाता है कि मानो उसे तोड़ने का इरादा हो। जब मौके पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर सहम कर दरवाजा खोलती है तो उसे दिखता है कि एक नशे में धुत अटेंडर उसके दरवाजे पर खड़ा है और चिल्ला रहा है। जब वह खुद के बचाव के लिए चिल्लाती है तो मौके पर एक भी गार्ड मौजूद नहीं रहता है। देखने को मिलता है की पूरे फ्लोर पर ड्यूटी के लिए केवल एक ही गार्ड है और वो भी नींद निकल रहा है।
इसके बाद सभी ड्यूटी डॉक्टर वहां पहुंचते हैं और उसे अटेंडर को वहां से बाहर निकालते हैं। गौरतलब है कि डॉक्टरों ने खुद ही अपने आप को इस व्यक्ति से बचाया । इस मामले में किसी भी तरह का सीसीटीवी फुटेज भी सामने नहीं आ पाया और इसका कारण यही था कि वहां सीसीटीवी कैमरे थे ही नहीं। वह अस्पताल जहां गार्डस की तैनाती और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होनी चाहिए वो पूरी तरह सुनसान पड़ा है। ऐसे में पीड़ित डॉक्टर ने आईबीसी 24 पर अपनी आप बीती भी सुनाई है।
राजनीति से अलग हटकर अगर इसे आम तरह से देखा जाए तो हर किसी के मन में खौफ है। कोलकाता में हुए आभ्या कांड के बाद से सभी सहमें हुए हैं। आईबीसी से बातचीत के दौरान सोशल वर्कर रूबी सलूजा ने कहा की महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है चाहे वह स्कूल हो वैन हो सड़क को या फिर एक अस्पताल। महिलाओं को खुद की सूझबूझ और हिम्मत से ही अपना बचाव करना होता है। अस्पतालों की हालत दयनीय है जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में एमवाय अस्पताल में देखने को मिला है।