इंदौर: Indore garbage free देश में रिसर्च के लिए पहचान बनाने वाले आरआर कैट ने स्वच्छता में भी अपनी पहचान बना ली है। कैट परिसर में कचरे से ही बायोगैस बनाई जा रही है। जिससे की परिसर में रह रहे परिवारो का खाना बन रहा है। कैट परिसर में 5 हज़ार से अधिक परिवार रहते है। लेकिन कैट परिसर का कचरा बाहर न आते हुए 100 प्रतिशत प्रोसेस किया जा रहा है। कचरे से किचन का यह प्रयोग करने से आरआर कैट खुद के कचरे का निपटान खुद ही कर रहा है।
Indore garbage free राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र पुरे देश में अपनी रिसर्च के लिए जाना जाता है। लेकिन अब देश के सबसे स्वच्छ शहर में मौजूद इस सेंटर ने स्वच्छता में खुद को आत्मनिर्भर बना लिया है। आरआर कैट का यह परिसर 1780 एकड़ में फैला हुआ है। इस परिसर में लगभग 5 हजार परिवार रहते है, लेकिन इसके बावजूद इस परिसर से कचरा नहीं निकलता। इसके पीछे कारण यह है की आरआर कैट का कचरा परिसर में ही प्रोसेस किया जा रहा है। इसी कचरे से परिसर में ही बायोगैस भी बनाई जा रही है। जिसका उपयोग परिसर में रहने वाले परिवार कर रहे है। वही सूखे कचरे को रिसाइकिल कर उपयोग में लाया जा रहा है। कैट के इस प्रयोग के से कचरे की सबसे बड़ी समस्या ख़त्म हो रही है। देश के कई शहर कचरे के पहाड़ से परेशान है। वही इंदौर में कैट ऐसा परिसर बना है जहा से कचरे का पूरा उपयोग किया जा रहा है। यह सेंटर भारत सरकार के परमाणु उर्जा विभाग के अन्तरगत स्थापित एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र है।
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