इंदौर। 5 year old girl died from H3N2 ? : मध्यप्रदेश के इंदौर से एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर की लापरवाही से 5 साल की बच्ची की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इंदौर में फेफड़ों के इन्फेक्शन के कारण एक 5 साल की बच्ची की मौत हो गई। ये कल यानी शुक्रवार का मामला है।
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मिली जानकारी के अनुसार इंदौर के भागीरथपुरा में रहने वाले पत्रकार हरीश कुमार की 5 वर्षीय बच्ची झील बरोनिया पिछले 10 दिनों से सर्दी , खांसी और बुखार से परेशान थी। पहले उसका इलाज डॉ एम के बंडी ने किया। डॉ. बंडी के इलाज से जब बच्ची की हालत में सुधार नहीं आया तो उसका इलाज चाचा नेहरू अस्पताल ले जाया गया। यहां पर बच्ची की हालत और बिगड़ गई।
बताया गया कि बच्ची की हालत लगातार बिगड़ रही थी। चाचा नेहरू अस्पताल में आईसीयू में जगह नहीं होने के कारण बच्ची को M Y अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद महज एक दिन में एम वाय अस्पताल वालों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए और बच्ची को तुरंत निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जिसके बाद परिजनों ने बच्चों को डॉल्फिन अस्पताल में भर्ती कराया। जहां जांच पर गंभीर चेस्ट इन्फेक्शन का पता चला।
बताया गया कि बच्ची की हालत गंभीर थी जिसके कारण उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना के बाद हर कोई स्तब्ध रह गया। आशंका जताई जा रही है कि यह वही H3N2 वायरस है जिस के मामले देशभर में तेजी से बढ़ रहे हैं और जिसके कारण मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि कुछ जांच रिपोर्ट अभी भी आना बाकी है जिसके बाद ही मौत के सही कारण पता लग पाएगा।
5 year old girl died from H3N2 ? : इस मामले में एक बड़ा ही हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। दरअसल, बताया जा रहा है कि इंदौर में कई सारे बच्चों में ये संक्रमण फैल चुका है। बच्चों के इलाज के लिए बने सरकारी अस्पताल चाचा नेहरू और एम वाय अस्पताल में बेड खाली नहीं है। स्थिति इतनी गंभीर है कि एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इतना ही नहीं बताया गया कि इतने बड़े अस्पताल में थर्मामीटर तक नहीं था। इसके साथ ही हॉस्पिटल के ICU में भी जगह नहीं है। बता दें इस पूरे मामले में डॉ. की लापरवाही सामने आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब बच्ची को सर्दी खांसी और बुखार की समस्या थी तो उसका चेस्ट का एक्सरे करवाकर क्यों नहीं देखा गया ?