MP patwari bharti fraud: इंदौर। पटवारी परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद सामने आए विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सार्वजनिक करते हुए आरक्षण का गलत लाभ लेने का आरोप लगाया है। जो अभ्यर्थी पटवारी परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में है, वही वन रक्षक भर्ती परीक्षा में सामान्य श्रेणी में है। ग्रुप-2 सबग्रुप-4 और पटवारी भर्ती संयुक्त भर्ती परीक्षा-2023 एक टॉपर सहित अन्य चयनित उम्मीदवारों की भूमिका संदेह के घेरे में हैं।
MP patwari bharti fraud: उन्होंने इस परीक्षा में अपने आप को शारीरिक रूप से विकलांग बताया परंतु तीन महीने बाद हुई वनरक्षक और जेल प्रहरी संयुक्त भर्ती परीक्षा-2023 में ये सभी फिट हो गए ऐसा इसलिए क्योंकि हालांकि इस वनरक्षक और जेल प्रहरी की परीक्षा में विकलांगता कोटा नहीं होता। इन दोनों भर्ती परीक्षाओं के फॉर्म जनवरी, फरवरी 2023 में भरे गए थे। यह सभी जानकारियां परीक्षा संबंधी रिकॉर्ड से उजागर हुईं।
MP patwari bharti fraud: दूसरी ओर पटवारी भर्ती परीक्षा में ग्वालियर के एक ही सेंटर से टॉप टेन में 7 कैंडीडेट होने के कारण धांधली के आरोप लग रहे हैं। सीएम ने इसके रिजल्ट के आधार पर होने वाली भर्ती पर रोक लगा दी है। इंदौर में भी बड़ी संख्या में छात्रों में पहुंचकर लगता का विरोध किया था जिसके बाद से आज तक मामले में जांच की जा रही है।
MP patwari bharti fraud: उधर प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा के मामले में लगातार सियासत जारी है। ऐसे में कांग्रेस ने एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, एमपी अजब है सबसे गजब है। एक ही व्यक्ति दो अलग-अलग परीक्षाओं में कैसे फिट बैठ सकता है। जो दिव्यांग पहले पटवारी में चयनित हुआ, वही वनरक्षक में भी चयनित होता है। आज मध्य प्रदेश का युवा पूछ रहा है कब तक व्यापम के जरिए रोजगार बेचोगे। क्या इस बार विधायक खरीदी के पैसे भी इन्हीं भर्तियों से निकाल लोगे, स्पष्ट है। इस दौरान उन्होंने भर्ती परीक्षा को पूरी तरह से निरस्त करने की बात कही।
ये भी पढ़ें- चुनाव से पहले होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, तबादला बोर्ड की बैठक आज
ये भी पढ़ें- अधिकमास की हो गई शुरुआत, ये काम करने से पहले बरते सावधानी, पुण्य प्राप्ति के लिए करें ये कार्य