Farhat Khan Book Controversy: इंदौर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में लव जिहाद का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब एक पुस्तक पर विवाद शुरू हो गया है। पुस्तक कथित लेखिका फरहत खान के द्वारा लिखी गई है। पुस्तक में हिंदू धर्म हिंदुओं के धार्मिक संगठन और हिंदू मान्यताओं के अलावा देश की मौजूदा समस्याओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी और भ्रमित जानकारी भी दी गई है।
विवादित पुस्तक को लिखने वाली फरहत के खिलाफ प्रदेश सरकार भी एक्शन मोड में है। मामले पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इंदौर कमिश्नर को पुस्तक की जांच के लिए आदेश दिए गए है। साथ ही 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है।
जांच के बाद एफआईआर समेत अन्य वैधानिक कार्यवाही भी की जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि यह बात मुझे समझ में नहीं आती कि जिस देश का लोग खाते हैं उसके खिलाफ लिखने के लिए जहर कहां से लाते हैं। बताया जा रहा है कि विवादों में आई किताब सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति की लेखिका फरहत खान हैं। इसे अमर लॉ पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया।
किताब में हिंदू धर्म, हिंदुओं के धार्मिक संगठन और हिंदू मान्यताओं के अलावा देश की मौजूदा समस्याओं के बारे में आपत्तिजनक जानकारियां मौजूद हैं। किताब में लिखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और बर्मा में सांप्रदायिकता का संघर्ष नहीं है। वहां भी सैकड़ों वर्षों तक अंग्रेजों का शासन रहा था और अमेरिका का हस्तक्षेप आज भी उनकी सत्ता पर रहता है।
इसमें आगे लिखा है कि आज सारे हिन्दू संगठन एक स्वर से कश्मीर में धारा 370 लगाकर मुसलमानों को विशेष सुविधाएं देने का विरोध करते हैं। उनका कहना है कि कश्मीर में उग्रवाद धारा 370 के कारण ही पनप रहा है। यदि इनसे पूछा जाए कि पंजाब में उग्रवाद क्यों है। बिहार, उत्तर प्रदेश और असम- जहां हिन्दू उग्रवाद है, वहां तो धारा 370 नहीं लगी है।
Farhat Khan Book Controversy हिन्दू कहते हैं कि समान नागरिक संहिता की बात कहकर हम मुसलमानों के कानून में सुधार करना चाहते हैं, जो नारी के विरूद्ध है..यदि उनसे पूछा जाए कि आप अपने व्यक्तिगत कानून को और शास्त्रों के कानून को क्यों लागू करना चाहते हैं जो शूद्र, स्त्री और गैर हिन्दुओं के विरुद्ध है। पहले हिन्दुओं को अपने सिविल कोड में सुधार की बात करनी चाहिए। इसके अलावा भारत ने कई ऐसी बातें भी लिखी जो हिंदू धर्म को लेकर बेहद आपत्तिजनक है।