इंदौर (मध्य प्रदेश)। इंदौर में कथित तौर पर नकली व्हिस्की पीने से पांच लोगों की मौत के बीच जिला प्रशासन ने इस मामले में गिरफ्तार 34 वर्षीय कारोबारी पर कड़े प्रावधानों वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने का आदेश जारी किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि मानव जीवन के लिए हानिकारक नकली शराब का कारोबार करने के आरोपी जिम्मी असरानी (34) के खिलाफ प्रशासन ने रासुका के तहत कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि असरानी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
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इस बीच, बाणगंगा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मोहन सिंह (38) की शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह एक बैंक में कैशियर थे। उन्होंने बताया कि मरीमाता इलाके के एक बार में 24 जुलाई को शराब पीने के बाद सिंह की तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिंह के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया और उनकी मौत के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। चश्मदीदों ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद सिंह के आक्रोशित परिजनों ने अंतिम यात्रा के दौरान उनकी अर्थी को मरीमाता चौराहे पर रखकर नकली शराब के कारोबार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इससे व्यस्त चौराहे पर कुछ देर के लिए यातायात बाधित हुआ।
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चश्मदीदों के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सिंह के परिजनों को नकली शराब कांड में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया और इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा श्मशान के लिए रवाना हुई।इस बीच, पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया कि पखवाड़े भर के भीतर शहर के दो बार में शराब पीने के अलग-अलग घटनाक्रमों में चार अन्य लोगों की भी मौत हुई है। इनकी उम्र 30 से 40 साल के बीच थी। उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला कि शराब पीने के बाद दम तोड़ने वाले इन लोगों ने एक ही ब्रांड की कथित तौर पर नकली व्हिस्की का सेवन किया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नकली शराब कांड में दोनों बारों के संचालकों समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और मामले में विस्तृत जांच जारी है।