‘केवल मनोरंजन के लिए सेक्स नहीं करतीं भारत की लड़कियां’, अहम मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कही ये बात

'केवल मनोरंजन के लिए सेक्स नहीं करतीं भारत की लड़कियां'! 'Indian girls don't do sex just for fun' Indore High Court's Comments on Important Case

  •  
  • Publish Date - August 15, 2021 / 10:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

इंदौर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2 दिन पूर्व दुष्कर्म के मामले टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में अविवाहित लड़कियां सिर्फ मनोरंजन के लिए शारीरिक संबंध नहीं बनाती हैं। अदालत ने आगे कहा कि अविवाहित लड़कियां केवल तभी सेक्स करती हैं, जब उन्हें उनके साथी द्वारा शादी का आश्वासन दिया जाता है। अदालत ने शादी का वादा करने वाली लड़की के साथ सहमति से यौन संबंध बनाने और बाद में शादी करने से इनकार करने वाले बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

Read More: जिला बनाने की घोषणा के बाद सारंगढ़-बिलाईगढ़ में मना जश्न, लोगों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशियों का किया इजहार

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर बेंच के जस्टिस सुबोध अभयंकर ने कहा कि एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय लड़के को इसके परिणाम का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। अदालत ने कहा कि भारत एक रूढ़िवादी समाज है। कुछ अपवाद छोड़कर देश अभी तक सभ्यता के ऐसे स्तर (निम्न या उच्च) पर नहीं पहुँचा है, जहाँ लड़कियाँ सिर्फ मनोरंजन के लिए लड़कों के साथ कामुक गतिविधियों में शामिल हों।” उन्होंने कहा कि जब तक लड़कियों से शादी का वादा नहीं किया जाता है, तब तक वह शारीरिक संबंध नहीं बनाती हैं। अपनी बात को साबित करने के लिए हर बार पीड़िता द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना जरूरी नहीं है, जैसा कि इस मामले में है।

Read More: पैदल चलकर गोल बाजार के चौक पहुंचे सीएम भूपेश बघेल, कहा- मूल स्वरूप के साथ-साथ सर्वसुविधाओं से सुसज्जित होगा गोल बाजार

कोर्ट ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि उसने बलात्कार के अधिकांश मामलों में देखा है कि बचाव पक्ष का तर्क होता है कि ‌शिकायतकर्ता की सहमति से संबंध बने थे, जबकि ज्यादातर मामलों में आरोपी ही शादी का झूठा वादा कर इसका फायदा उठाते हैं। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376(2)(एन), 366 और बच्चों के यौन शोषण से रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 4, 5-1, 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने शादी का झाँसा देकर पीड़िता के साथ बलात्कार किया। वहीं, कोर्ट के समक्ष आरोपी के वकील ने दलील दी कि पीड़िता उस समय बालिग थी और दोनों इसके लिए सहमत थे।

Read More: 15 दिन लॉकडाउन का ऐलान, दूध और दवा सहित इन सेवाओं को रहेगी छूट, संक्रमण रोकने इस राज्य में लिया गया फैसला

आरोपी के ​वकील ने कहा कि लड़की के माता-पिता शादी का विरोध कर रहे थे, क्योंकि दोनों के धर्म अलग-अलग हैं। आरोपी हिंदू है, जबकि शिकायकर्ता मुस्लिम है। आरोपी ने कहा कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश सरकार ने तर्क दिया है कि लड़के ने अक्टूबर 2018 से शादी के बहाने लड़की के साथ बार-बार बलात्कार किया और बाद में उससे शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद जब उसने पीड़िता को बताया कि उसकी शादी किसी और से हो रही है तो पीड़िता ने आत्महत्या का प्रयास किया, हालाँकि वह बच गई।

Read More: कल से खुलेंगे 6वीं से 8वीं तक के स्कूल, संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद यहां लिया गया फैसला