इंदौर, 18 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश की मशहूर कलाकार दुर्गा बाई व्याम की गोंड शैली की चित्रकारी देखकर प्रसन्न हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को खुद आगे बढ़कर उनके साथ फोटो खिंचवाई और जनजातीय समुदाय की इस चित्रकार की पीठ थपथपाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अपने दो दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे के तहत इंदौर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू हवाई अड्डे से राज्य सरकार के मृगनयनी वस्त्र एम्पोरियम के लिए रवाना हुईं। इस दौरान राष्ट्रपति ने सूबे के पारंपरिक बुनकरों और लोक कलाकारों से भेंट की और उनसे बात करके उनके काम के बारे में जाना।
इन कलाकारों में शामिल दुर्गा बाई व्याम ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति को अपनी एक पेंटिंग भेंट की। उन्होंने मेरी पेंटिंग की तारीफ करते हुए खुद मुझे पास बुलाया और अपने साथ बेहद स्नेह से फोटो खिंचवाई।’’
जनजातीय रीति-रिवाजों और लोक कथाओं के साथ ही धरती और पेड़ बचाने के विषयों पर गोंड शैली के चित्र बनाने वाली व्याम (52) मूलत: डिंडोरी जिले की रहने वाली हैं। उन्हें वर्ष 2022 के ‘‘पद्म श्री’’ सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने झाबुआ की आदिवासी गुड़िया बनाने वाले हस्तशिल्प कलाकार रमेश परमार से भी मृगनयनी एम्पोरियम में मुलाकात की। परमार ने बताया कि राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान उन्होंने अनुरोध किया कि झाबुआ जिले के ज्यादा से ज्यादा लोगों को जनजातीय कलाओं का प्रशिक्षण दिलवाया जाए।
मृगनयनी एम्पोरियम के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ने राज्य सरकार के इस प्रतिष्ठान से चंदेरी और महेश्वरी शैली की एक-एक साड़ी खरीदी।
इससे पहले, शहर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राष्ट्रपति की अगवानी की और गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगी और ‘‘श्री महाकाल लोक’’ का भ्रमण करके इस परिसर के मूर्तिकारों से संवाद भी करेंगी।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति इस धार्मिक नगरी में सफाई मित्रों (सफाई कर्मियों) से चर्चा के साथ ही उन्हें सम्मानित करेंगी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति प्रस्तावित उज्जैन-इंदौर छह लेन सड़क का भूमिपूजन भी करेंगी।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को ही उज्जैन से इंदौर आकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हीरक जयंती दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 1964 में स्थापित विश्वविद्यालय इस साल अपने 60 साल पूरे कर रहा है।
भाषा
हर्ष, रवि कांत रवि कांत