मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थलों पर स्मैक की अवैध बिक्री, जुआ-सट्टे पर भी रोक लगे : दिग्विजय

मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थलों पर स्मैक की अवैध बिक्री, जुआ-सट्टे पर भी रोक लगे : दिग्विजय

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 05:14 PM IST,
    Updated On - January 24, 2025 / 05:14 PM IST

इंदौर, 24 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के 17 धार्मिक स्थलों पर शराब की दुकानें बंद करने की प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इन जगहों पर स्मैक जैसे नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री और जुआ-सट्टे पर भी रोक लगनी चाहिए।

महेश्वर में संपन्न राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा पर दिग्विजय ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, “हम धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं। इन जगहों पर स्मैक नहीं बिकनी चाहिए और जुआ-सट्टा भी नहीं चलना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंधित ठेकेदारों को भी इस बारे में सोचना चाहिए।”

दिग्विजय ने देश के कई राज्यों में शराबबंदी के प्रयोगों की कामयाबी पर सवाल भी उठाए।

उन्होंने कहा, “गुजरात और बिहार जैसे शराबबंदी वाले राज्यों में शराब पीने वाले लोगों के लिए सबसे आसान और अच्छी व्यवस्था है। दोनों सूबों में शराब की घर-घर आपूर्ति हो जाती है।”

दिग्वजय ने मध्यप्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में भोपाल के यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के निपटारे की राज्य सरकार की योजना पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, “यह कचरा पिछले 40 साल से भोपाल में पड़ा था। इस कचरे को पीथमपुर लाने की क्या जरूरत थी? इसे वहीं (यूनियन कार्बाइड कारखाना परिसर) गाड़कर खत्म कर दिया जाना चाहिए था।”

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्हें जानकारी मिली है कि कोई बिल्डर यूनियन कार्बाइड कारखाना परिसर की कीमती जमीन खाली कराना चाहता था, इसलिए कारखाने के कचरे को पीथमपुर भेज दिया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था, “कांग्रेस में गुटबाजी का कैंसर है। अगर हम गुटबाजी के इस कैंसर को खत्म नहीं करेंगे, तो हम खत्म हो जाएंगे।”

पटवारी के बयान पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय ने कहा, “अगर पटवारी ने कुछ कहा है, तो सोच-समझकर ही कहा होगा।”

उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर के स्थानीय प्रशासन ने शहर के पिपल्याहाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर स्थापित डॉ. बीआर आंबेडकर और संत रविदास महाराज की प्रतिमाएं असम्मानजनक तरीके से हटा दीं।

दिग्विजय ने कहा, “यह घटना भाजपा सरकार की मानसिकता दिखाती है।”

प्रशासन के एक अधिकारी ने दावा किया कि अज्ञात लोगों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के प्रयास के तहत रातों-रात दो अवैध चबूतरे बनाकर आंबेडकर और रविदास की प्रतिमाएं स्थापित की थीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने ये प्रतिमाएं हटाते हुए अतिक्रमण का प्रयास नाकाम कर दिया।

भाषा

हर्ष पारुल

पारुल