जहरीली शराब बेची तो होगी फांसी
भोपाल: मध्यप्रदेश में अब अवैध शराब बेची, तो अब आरोपी को फांसी की सजा मिलेगी। जहरीली शराब की बिक्री को रोकने शिवराज कैबिनेट ने आबकारी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जहरीली शराब से मौत होने जैसे गंभीर मामलों में मौत की सजा के प्रावधान को भी जोड़ा गया है। सरकार इस विधेयक को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित कराने की तैयारी में है, लेकिन कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केवल कानून बनाने से माफिया खत्म नहीं होगा। अब सवाल ये है कि क्या जानलेवा सख्ती से प्रदेश में जहरीली शराब बिकनी बंद हो जाएगी।
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जहरीली शराब बेची तो होगी फांसी : मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद मचे बवाल पर अब सरकार एक्शन मोड पर आ गई है। शिवराज सरकार ने नकली, जहरीली और शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने की तैयारी कर ली है। कैबिनेट ने आबकारी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जहरीली शराब से मौत होने जैसे गंभीर मामलों में मौत की सजा के प्रावधान को भी जोड़ा गया है। इतना ही नहीं, अवैध शराब पकड़ने के दौरान अगर किसी ने बाधा डाली तो बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार आबकारी अफसरों को होगा। सरकार जल्द ही इस विधेयक को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित कराने की तैयारी में है।
दरअसल पिछले 15 महीने में प्रदेश में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हो चुकी है। मंदसौर में 23 जुलाई को जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हुई। इंदौर में 5 मौतें हुईं, उसके पहले मुरैना में 26, उज्जैन में जहीरीली शराब पीने से 14 मौतें हो चुकी हैं। इन मौतों के बाद अब सरकार की नींद खुली है। आबकारी संशोधन विधेयक पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि केवल कानून बनाने से माफिया खत्म नहीं होगा, कानून का क्रियान्वयन ज़रुरी है। सरकार की दृढ़ इक्षाशक्ति नज़र आना चाहिए, कड़े कानून की बात तो बहन बेटियों की सुरक्षा को लेकर भी सरकार द्वारा सालों से की जा रही हैं। लेकिन प्रदेश में आज भी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है।
मध्यप्रदेश की आंकड़ों पर नजर डाले तो, ये साफ भी हो जाता है कि जहरीली शराब और अवैध कारोबार को रोकने तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही। साल 2018-19 में 4 लाख 79 हजार लीटर अवैध शराब पकड़ी गई थी। साल 2019-20 में 9 लाख 87 हजार लीटर अवैध शराब फिर पकड़ी गई, यानि एक साल के अंदर ही अवैध शराब के कारोबार में दोगुना इज़ाफा हुआ। इस रिपोर्ट पर न सिर्फ विपक्ष हैरान है बल्कि सत्ता पक्ष के वो तमाम लोग भी हैरान हैं जो सरकार में शामिल हैं। कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने ये तक कह दिया कि आखिर मध्यप्रदेश में इतने बड़े स्तर पर जहीरीली शराब कहां से आ रही है औऱ पर्दे के पीछे कौन इस सिंडिकेट में शामिल है।