रिपोर्ट- नासिर गौरी, भोपाल: Veer Savarkar Road वीर सावाकर की त्याग तपस्या का बखान करेंगे पर ताला कब खुलेगा..ये नहीं बताएंगे। उधर से जवाब आया कि ताले भी खुलेंगे..मेले भी लगेंगे..डायलाग किसका है ये तो समझ गए होगे आप? बात बीजेपी, कांग्रेस के सवाल जवाब की हो रही है। असल में वीर सावरकर की 140 वी जयंती पर ग्वालियर स्मार्ट सिटी ने उनकी प्रतिमा को ताले में बंद करके रखा था, जिस पर अब सियासत होने लगी।
Veer Savarkar Road हिंदू महासभा ने ग्वालियर नगर निगम पर वीर सावरकर के अपमान का आरोप लगाया है। दरअसल महासभा के पदाधिकारी जब प्रतिमा स्थल पर पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था। निगम के अमले से उन्होंने गेट खोलने को कहा, लेकिन सरोवर के ताले नहीं खोले गए, जिससे नाराज हिंदू महासभा ने जमकर हंगामा किया और पूरे मामले की शिकायत ज्योतिरादित्य सिंधिया से की।
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वीर सावरकर सरोवर का मामला ग्वालियर से भोपाल तक पहुंचा। मामले में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि वो सावरकर को आदर्श मानते हैं, लेकिन सावरकर सरोवर से ताला कब खुलेगा इसका जबाब उनके पास भी नही है।
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बीजेपी नेता भले अपना आदर्श वीर सावरकर को मानते हो, लेकिन सावरकर की जयंती पर हिंदू महासभा ने सभी राजनीतिक दलों को सावरकर को श्रद्धजंलि देने के लिए आमंत्रित किया था। बावजूद इसके बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता नही पहुंचा, जिस पर कांग्रेस चुटकी ले रही है कि बीजेपी सावरकर के नाम पर राजनीति जरूर करती है। लेकिन करती कुछ भी नही है।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच ग्वालियर में जो 15 किलोमीटर की रोड सिंधिया परिवार के महल से बनाई जा रही है उस पर भी सावरकर के नाम पर राजनीति हो रही है। स्मार्ट सिटी ने पहले इस रोड का नाम, थीम रोड रखा। फिर राजपथ रोड रख दिया है जिसका नाम हिंदू महासभा “वीर सावरकर मार्ग” करने अड़ी है।